विश्व मधुमक्खी दिवस पर मधुमक्खी पालन एवं प्रबंधन पर छात्रों को प्रशिक्षित किया 

विश्व मधुमक्खी दिवस पर मधुमक्खी पालन एवं प्रबंधन पर छात्रों को प्रशिक्षित किया 

रीवा, कृषि विज्ञान केंद्र, रीवा, म प्र के प्रमुख डा ए के पांडेय के निर्देशन में केंद्र में विश्व मधुमक्खी दिवस का आयोजन किया गया, जिसमे शहीद मेजर आशीष दुबे शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (सी एम राइज), मनगवा रीवा म प्र के छात्र छात्राओं ने व्यवसायिक प्रशिक्षक आदर्श पटेल एवम प्रियव्रतनाथ तिवारी के साथ भाग लिया। 

कार्यक्रम में केंद्र के पौध संरक्षण वैज्ञानिक एवम कार्यक्रम प्रभारी डा अखिलेश कुमार ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए मधुमक्खी पालन एवम प्रबंधन पर छात्रों को प्रशिक्षित किया और बताया कि नवयुवकों के लिए मधुमक्खी पालन एक उत्तम व्यवसाय है जिसमे मधु के अतिरिक्त रॉयल जेली, मोम, विष, प्रोपोलिस, परागकण से अतिरिक्त लाभ कमा सकते है। 

विश्व में हमारे देश का शहद उत्पादन में छठा स्थान है। दुनिया में मधुमक्खियों की लगभग 20, 000 विभिन्न प्रजातियां पाई जाती है। इस समय पालने योग्य मधुमक्खी, एपिस मेलीफेरा के मधुमक्खियों के 50 बॉक्स से प्रति वर्ष लगभग 4 से 5 लाख की आय प्राप्त होती है। 

केंद्र के उद्यान वैज्ञानिक डा राजेश सिंह ने बताया कि फलों एवम फूलों के उत्पादन एवम गुणवत्ता के बढ़ोतरी में मधुमक्खी का महत्त्व ज्यादा है क्योंकि मधुमक्खी पर परागण में सहायक होती है। 

कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डा संजय सिंह एवम श्री संदीप शर्मा ने मधुमक्खी पालन के महत्त्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने केंद्र में उपलब्ध मधुमक्खी पालन के उपकरण को देखा और मधुमक्खी पालन में किस प्रकार उपयोग होता है विषय पर जानकारी प्राप्त किया।  ऋषभ विश्वकर्मा द्वारा कंप्यूटर का संचालन किया गया।

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