अधिक उत्पादन के लिए उन्नत बीजों का चयन जरूरी, जानिए क्या कहते हैं कृषि वैज्ञानिक
टीकमगढ़, कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ बी.एस. किरार साथ ही केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार जाटव, डॉ. आर के प्रजापति, डॉ. आई.डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा किसानों को बताया गया कि खरीफ में फसलों के अधिक उत्पादन हेतु उन्नत किस्मों के चयन एवं व्यवस्था बुबाई से 15 से 20 दिन पूर्व कर लेना चाहिए अधिकांशत: किसान मानसून आने पर खरीफ की बुवाई शुरू होने पर बीज की व्यवस्था करने के लिए किसान दौड़-धूप करता है उस समय तत्काल अच्छा बीज उपलब्ध नहीं हो पाता है और मिलता भी है तो महंगा मिलता है I
किसानों को 1 माह पहले भूमि के आधार पर फसलों का चयन एवं रकवा निर्धारित कर बीज की व्यवस्था कर ले I किसान भाई सदैव प्रमाणित बीज ही ख़रीदे चूंकि यह बीज आनुवांशिक रूप से शुद्ध, अकुंरण अच्छा एवं भोतिक रूप से शुद्ध होता हैं I किसान भाई बीज किसी संस्था या बाजार से बीज लाता हैं तो उस का अंकुरण घर पर जांच कर ले इसके लिये किसान भाई बीज के 100 दाने निकाल कर गिनती कर ले फिर उसे 24 घंटे के लिए पानी में भिगोने रख दे इस के बाद उसे एक सूती कपड़े में रातभर पोटली बना कर रख दे और उस के ऊपर पानी डालते रहे दुसरे दिन पोटली को खोल कर गिनती कर ले की 100 दानों में से कितने दाने अंकुरण हुआ हैं यदि 85 दानों से ज्यादा अंकुरण हुआ हैं तो बह बीज अच्छा हैं I
खरीफ फसलों की उन्नत किस्में
उड़द की प्रताप उड़द -1, मुकुंदरा, आई.पी.यू. 13-1, आई.पी.यू. 94-1, शेखर -2 शेखर-3, आजाद 1,
तिल फसल की टी.के.जी 306, टी.के.जी. 308, जी टी -4, मूंग की पी.डी.एम-139, एम.एच. 421, मूंगफली की किस्में धारनी, जी.जे.जी.31, जे.जी.न.3, टी.जी. 37,
सोयाबीन की उन्नत किस्में जे.एस. 20-34, जे.एस. 20-29, जे.एस. 20-69, जे.एस. 20-98, आर.बी.एस. 2001 इत्यादि किस्मों के लेI