उन्नत किस्म के गेहूं के बीज दे रहा भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करें ऑनलाइन बुकिंग 

उन्नत किस्म के गेहूं के बीज दे रहा भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करें ऑनलाइन बुकिंग 

पोर्टल की शुरूआत 17 सितंबर से हो गई है, इस पर किसानों को जितना बीज चाहिए उसकी बुकिंग कर सकते हैं

नई दिल्ली, हरियाणा के करनाल में स्थित भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के पोर्टल पर 11 सितंबर से गेहूं की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो गई है, संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह ने 17 सितंबर सोशल मीडिया के माध्यम से किसानों को बताया, "पोर्टल की शुरूआत 17 सितंबर से हो गई है, इस पर किसानों को जितना बीज चाहिए उसकी बुकिंग कर सकते हैं।"

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सिर्फ दो किस्में ही बचीं
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल के प्रधान वैज्ञानिक (कृषि प्रसार) डॉ. अनुज कुमार बताते हैं, "हमने जितनी भी उन्नत किस्मों की बुकिंग शुरू (Booking of improved varieties started) की थी, उनमें से पहले दिन ही सब बुक हो गईं, अभी किस्मों DBW 222 (करण नरेंद्र) (Karan Narendra) और DBW 187 (करण वंदना) (Karan Vandana) की बुकिंग चल रही है।"

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बुकिंग के बाद अक्टूबर के पहले और दूसरे हफ्ते में किसानों को बुलाया जाएगा

सीड पोर्टल (seed portal) में आधार नंबर, मोबाइल नंबर, गाँव, जिला और प्रदेश का नंबर दर्ज कराना होता है। बुकिंग होने के बाद अक्टूबर के पहले और दूसरे हफ्ते में किसानों को बुलाया जाएगा। संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह बुकिंग के लिए जरूरी नियम और शर्तों के बारे में बताते हैं, "18 साल से कम उम्र के किसान इस पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे, क्योंकि पिछले साल हमने देखा था कि कई किसानों ने अपने बच्चों के नाम पर बुकिंग करते थे, उसको इस बार हमने अलाऊ नहीं किया है।"

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डिजिटल माध्यम से वहीं पर पेमेंट कर सकेंगे
पेमेंट ऑनलाइन नहीं हो रहा है, ऑनलाइन बुकिंग के बाद जब संस्थान में बिक्री शुरू होगी तो किसान डिजिटल माध्यम से वहीं पर पेमेंट कर सकेंगे।

जानिए कैसे करें होगी बुकिंग
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान (IIWBR) के सीड पोर्टल पर क्लिक करें https://iiwbrseed.in/ मोबाइल नंबर दर्ज करें, इसके बाद डेट ऑफ बर्थ, किसान का नाम, आधार नंबर, पता और बीज की मात्रा भरें, एक किसान करण नरेंद्र डी बी डब्ल्यू -222 - 10 किलो और करण वंदना डी बी डब्ल्यू -187 की 10 दस किलो मात्रा ही बुक कर सकते हैं।

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रोग प्रतिरोधी है करण वंदना (DBW 187) 
करन वंदना की पिछले वर्ष भी कई इलाकों में बुवाई हुई थी। इस किस्म का विमोचन एवं अधिसूचना वर्ष 2019 में हुई थी। करण वंदना (DBW 187) पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल के उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों की सिंचित समय पर बुवाई की जाने वाली नवीनतम गेहूं की किस्म है। यह पत्तों के झुलसने और उनके अस्वस्थ दशा जैसी महत्त्वपूर्ण बीमारियों के खिलाफ बेहतर प्रतिरोध करती है। बुवाई के 77 दिनों बाद करण वंदना फूल देती है और 120 दिनों बाद फसल तैयार होती है। इसका उत्पादन करीब 75 कुंटल प्रति हेक्टेयर है और औसत उत्पादन 63.1 कुंटल के आसपास है। सामान्यता गेहूं में प्रोटीन कंटेंट 10 से 12 प्रतिशत और आयरन कंटेंट 30 से 40 प्रतिशत होता है, लेकिन इस किस्म में 12 प्रतिशत से अधिक प्रोटीन 42 प्रतिशत से ज्यादा आयरन कंटेंट पाया गया है।

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करन वन्दना ज्यादा पैदावार देती है
सामान्य तौर पर धान में 'ब्लास्ट' (blast) नामक एक बीमारी देखी जाती थी, कुछ वर्ष पहले बांग्लादेश में गेहूं की फसल में इस रोग को पाया गया था और तभी से इस चुनौती के मद्देनजर विशेषकर उत्तर पूर्वी भारत की स्थितियों के अनुरूप गेहूं की इस किस्म को विकसित करने के लिए शोध कार्य शुरू हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 'करन वन्दना' अस्तित्व में आई। ये ज्यादातर बोई जा रही मौजूदा किस्मों HD-2967, K-0307, HD-2733, K-1006 और DBW-39 की तुलना में ज्यादा पैदावार देती है।
-बुवाई का समय: अगेती बुवाई- 25 अक्टूबर से 5 नवंबर
-समय पर बुवाई- 5 नवंबर से 25 नवंबर
-औसत उपज- 61.3 क्विंटल प्रति हेक्टेय़र है

करण नरेंद्र (DBW 222) गेहूं की खासियतें
गेहूं कि इस उन्नत किस्म का विवोचन और अधिसूचना साल 2020 में हुई। पीला रतुआ, भूरा रतुआ के लिए प्रतिरोधी किस्म है। गेहूं की इस किस्म को 5-6 सिंचाई की जरूरत होती है। पहली सिंचाई 20-25 दिन उसके बाद 20 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जरूरत होती है। इसकी उत्पादन क्षमता 32.8 कुंटल प्रति एकड़ यानि करीब 82 कुंटल प्रति हेक्टेयर है और औसत उपज 61.3 कुंटल प्रति हेक्टेयर है। उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा-उदयपुर मंडलों को छोड़कर), पश्चिम यूपी (झांसी मंडल को छोड़कर), जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के कुछ क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इस किस्म की एक खासियत ये है कि ये देरी से बुवाई करने पर भी बेहतर उत्पादन देती है।
-बुवाई का समय- 5 नवंबर से 25 नवंबर, औसत उपज
-औसत उपज- 61.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

ऑनलाइन बुकिंग के लिए क्लिक करें https://iiwbrseed.in/

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