वैज्ञानिकों के विचार
अवारा पशुओं से फसल को नुकसान से बचाएगी एआई तकनीक
भोपाल। अब एआई का जमाना है। ऐसे में खेती और किसान भी इस अत्याधुनिक तकनीक से अछूते नहीं रहेंगे। एआई आधारित मोबाइल ऐप किसानों ...
कार्य योजना उपयुक्त हो तो कम वर्षा भी बन सकती है वरदान: डॉ. मेघा दुबे
डॉ. आरडी बारपेटेडॉ. मेघा दुबेभारतीय मौसम विभाग ने अध्ययन के अनुसार इस वर्ष खरीफ 2023 में मध्य भारत के अधिकांष क्षेत्रों में 20 से ...
समस्याओं से निपटने खोजना ही होगा जल संकट का समाधान
सत्येंद्र पाल सिंहप्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, लहार (भिंड)भारत सरकार द्वारा कृषि एवं पर्यावरण मंत्रालय के तहत कृषि के अंतर्गत-पर्यावरण के लिए ...
सोलर पावर ट्री, बिजली का सस्ता एवं बेहतर विकल्प
डॉ शशिकान्त सिंहकृषि संवाददातासमस्तीपुर। डॉ राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय में योगदान देने के साथ ...
पाचन को बढ़िया करती है ये दाल, कोलेस्ट्रॉल भी रहेगा कंट्रोल, जानें 6 जबरदस्त लाभ
शिब्या गोखले: शस्य विज्ञान विभाग ब्रह्मानन्द महाविद्यालय राठ, हमीरपुर (उ० प्र०) डॉ० पियूष कुमार सिंह: असिस्टेंट प्रोफ़ेसर (कृषि शांखिकी) ब्रह्मानन्दमहाविद्यालय राठ, हमीरपुर (उ० प्र०) अच्छी सेहत और ...
तपती पृथ्वी और अनाज का संकट, समाधान खोजना जरूरी
डॉ. सत्येंद्र पाल सिंहप्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुखराजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय- कृषि विज्ञान केंद्र, लहार (भिंड) म.प्र. साल दर साल पृथ्वी का तापमान बढ़ ...
कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़ेंगे अटल टिंकरिंग लैब
नयी दिल्ली, कृषि मंत्रालय और नीति आयोग अटल टिंकरिंग लैब को कृषि विज्ञान केंद्रों और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी से जोड़ने के लिए सहमत ...
कृषि वैज्ञानिक ने बताया नरवाई जलाने का नुकसान और फसलों को कीटों से बचाने का उपाय
रीवा, पौध सरंक्षण वैज्ञानिक डॉक्टर अखिलेश कुमार कृषि विज्ञान केंद्र रीवा द्वारा कृषको को समसामयिक सुझाव एवं सलाह में किसान खेत में नरवाई न ...
तापमान की चुनौती से जूझती गेहूं की फसल
डॉ. सत्येंद्र पाल सिंहप्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुखकृषि विज्ञान केंद्र, लहार (भिंड) म. प्र. पिछले कुछ सालों से हो रहे जलवायु परिवर्तन को देखते हुए ...
भविष्य का सुपरफूड ‘काई’ में मिल सकता है खाद्य सुरक्षा की समस्या का समाधान
वैज्ञानिक कई सालों से समुद्री काई या शैवाल की भोजन के रूप में क्षमता के महत्व को जानते हैं और इसे खाद्य स्रोत बनाने पर काम कर रहे हैं। नए अध्ययन में दावा किया गया है। कि भविष्य में सूक्ष्मशैवाल उच्च प्रोटीन और पोषण तत्वों से भरा सुपरफूड हो सकता है