आनंद संस्थान की अच्छी पहल, प्रदेश के 52 गांवों को बनाएगा आनंद ग्राम
हर गांव से 5 लोगों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्य आनंद संस्थान द्वारा गांवों को आनंद ग्राम बनाने की कवायद शुरू की गई है। इस योजना में एक साल की अवधि में राज्य के 52 जिलों में से एक-एक यानी कुल 52 गांव को चिन्हित कर उसे मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। आनंद ग्राम की यह अवधारणा प्राचीन समय के परस्पर प्रेम और सहयोग की पुनर्स्थापना करेगी। इसका उद्देश्य ग्रामों में आपसी सहयोग के साथ विवाद रहित आनंददायक जीवन जीना है।
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लोग आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं
उल्लेखनीय है कि सबसे स्नेह रखते हुए सामुदायिक कार्यों में सहयोग करने की परम्परा हमारे देश की संस्कृति रही है, लेकिन कुछ सालों से लोग आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं। सहयोग करने की भावना भी कम होती जा रही है। प्रेम के अभाव में विवादों की बढ़ती संख्या ने परिवारों को प्रभावित किया है। इसीलिए राज्य के आनंद संस्थान ने संस्कार और सहयोग के पुराने दिन लौटाने के लिए यह पहल की है।
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प्रत्येक जिले से एक गांव को किया जाएगा चिन्हित
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांवों में आनंद की इस योजना में राज्य के 52 जिलों में से प्रत्येक जिले से एक गांव को चिन्हित कर उसे मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। चयनित ग्राम में ग्रामीणों को एक दूसरे की मदद करने, खेती-किसानी, मकान निर्माण और शादी जैसे आयोजनों में मदद के लिए तैयार किया जाएगा।
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प्रशिक्षित बताएंगे आपसी सद्भाव, सहयोग, मेल मिलाप और एकता के गुर
अच्छी बात है कि लोग इसमें रूचि ले रहे हैं। हर गांव से 5 लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षितों द्वारा आपसी सद्भाव, सहयोग, मेल मिलाप और एकता के गुर बताए जाएंगे। साथ ही आपसी विवाद सुलझाने और नशे से दूर रहने की नसीहत दी जाएगी।