जलीय जीवों की गणना के लिए चंबल में उतरी सर्वे टीम, 21 फरवरी तक चलेगा सर्वे 

जलीय जीवों की गणना के लिए चंबल में उतरी सर्वे टीम, 21 फरवरी तक चलेगा सर्वे 

श्योपुर, चंबल नदी में पल रहे घडियालों का कुनबा इस साल घटा है या बढ़ा। मगरमच्छ सहित अन्य जलीय जीवों की संख्या में कितनी बढोत्तरी हुई है। अब इसका पता जल्द चल जाएगा। कारण यह है कि चंबल नदी में जलीय जीवों की गणना शुरू हो गई है। इसकी शुरूआत 9 फरवरी चंबल नदी के पाली घाट से हुई थी। जलीय जीवों की गणना चंबल नदी के चकरनगर घाट तक होगी।

इसे भी देखें

18 को कूनों में आएंगे 12 चीते, चार सदस्यीय दल अफ्रीका रवाना


उल्लेखनीय है कि चंबल अभयारण्य ने पाली घाट से चकरनगर (इटावा) तक बह रही चंबल में जलीय जीवों की गणना का काम 9 फरवरी को पाली घाट से से शुरू किया था। यह सर्वे 21 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान सर्वे करने के लिए चंबल नदी में उतरी सर्वे टीम 13 दिन में 435 किलोमीटर का सफर तय करते हुए डायरेक्ट साइटिंग प्रणाली से जलीय जीवों और प्रवासी प्रक्षियों की गणना करेगी। इस गणना के दौरान यह पता चल जाएगा कि चंबल नदी में जलीय जीवों की संख्या कितना हो गई है।

इसे भी देखें

कम पानी में भी हो सकता है धान और गन्ना की फसल, जानिए कैसे!

इन घाटो से होकर होगा सर्वे
चंबल अभयारण्य में वर्ष 1984 से हर घड़ियाल व अन्य जलीय जीवों मगर, डॉल्फिन आदि की गणना की जाती है। इसमें सर्वे टीम डायरेक्ट साइटिंग (प्रत्यक्ष दिखना) से टीम के अलग-अलग सदस्य घड़ियाल, मगर, डॉल्फिन की काउंटिंग करते हैं। इसके अलावा अन्य जलीय जीवों का आंकलन भी किया जाता है। सर्वे टीम पाली घाट, रामेश्वर, बरोली, अटार घाट, बटेसुरा, सरसेनी, राजघाट, कुथियाना, उसैद घाट, अटेर, बरही, सहसों और पचनदा तक सर्वे करेगी।

इसे भी देखें

घर में लगाएं ये पौधे, सकारात्मक ऊर्जा के साथ आयेगी आर्थिक सम्पन्नता, जानिए इन पौधों के बारे में 

सर्वे टीम में शामिल है विशेषज्ञ
जलीय जीवों का सर्वे करने के लिए चंबल नदी में उतरी टीम में जो विशेषज्ञ है, उनमें अभयारण्य के देवरी केंद्र के केयर टेकर ज्योति डंडोतिया, प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर आमिर खान, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के विकास शर्मा, वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के रिसर्चर तरुण नायर, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी की साइंटिस्ट परवीन शेख शामिल है।

इसे भी देखें

तकनीक से बना दी 'सुपर गाय', एक साल में देगी 18 टन दूध, जानिए कहां और कैसे बनाई



अब तक गणना में मिले घडिय़ाल
वर्ष  - घडिय़ाल
2016 - 1162
2017 - 1255
2018 - 1681
2019 - 1876
2020 - 1859
2021- 2176
2022-2114

इसे भी देखें

लहरी बाई, मोटे अनाज के अनमोल खजाने की मालकिन, जिनके पीएम मोदी भी हुए मुरीद

सोशल मीडिया पर देखें खेती-किसानी और अपने आसपास की खबरें, क्लिक करें...

- देश-दुनिया तथा खेत-खलिहान, गांव और किसान के ताजा समाचार पढने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म गूगल न्यूजगूगल न्यूज, फेसबुक, फेसबुक 1, फेसबुक 2,  टेलीग्राम,  टेलीग्राम 1, लिंकडिन, लिंकडिन 1, लिंकडिन 2टवीटर, टवीटर 1इंस्टाग्राम, इंस्टाग्राम 1कू ऐप से जुडें- और पाएं हर पल की अपडेट