सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 106 प्रजातियों की घास के मिले प्रमाण

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में 106 प्रजातियों की घास के मिले प्रमाण

rahul vasishth
होशंगाबाद, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घास की 106 प्रजातियों उपलब्ध होने के प्रमाण मिले हैं। बड़े घास के मैदान के साथ ही छोटे घने, घास के मैदानों में ये प्रजातियां मौजूद हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा विशेषज्ञों की मदद से फील्ड में तैनात वनकर्मियों को घास के बारे में जानकारी दी जा रही है। यह पहला मौका है जब घास की सभी 106 प्रजातियों को सूचीबद्ध किया गया है। 

घास की प्रजातियों का उल्लेख एसटीआर प्रबंधन द्वारा प्रकाशित सतपुड़ा फील्ड गाइड में भी किया गया है। एसटीआर क्षेत्र में मिलने वाली घास की प्रजातियों की जानकरी पर्यटकों को भी मिलेगी। मानसून के सीजन को खरपतवार और गैरजरूरती पेड़, पौधों को निकालने के लिए सबसे अनुकूल समय माना जाता है। वहीं स्वादिष्ट घास की प्रजाति को बढ़ाने के लिए यह समय सबसे बेहतर होता है। मैदान प्रबंधन के जानकार डॉ. मूर्तकार इन दिनों वन विभाग के फील्ड स्टाफ को प्रशिक्षण दे रहे हैं। वनकर्मियों को घास की पहचान करने के बारे में बताया जा रहा है। एसटीआर के आठ फीसद हिस्से पर ग्रासलैंड को विकसित करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

बाघ, तेंदुए के लिए भी भोजन की कमी नहीं

शाकाहारी वन्यप्राणियों को पर्याप्त भोजन मिलने से सबसे जयादा फायदा बाघ और तेंदुए सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों को हो रहा है। शाकाहारी वन्यप्रणियों को घास के रूप में आसानी से भोजन उपलब्ध है, जिसके चलते उन्हें दूर तक जाना नहीं पड़ता। वहीं बाघ व तेंदुए बड़ी घास का सहारा लेकर आसानी से शिकार कर लेते हैं। मैदान सूखने की स्थिति में शिकार के लिए काफी भागदौड़ करनी पड़ती है।

वन्यप्राणियों के लिए पर्याप्त जगह

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में शाकाहारी वन्य्रपणियों के लिहाज से कई जगहों पर घास मौजूद है। कुछ जगह पर लीया क्रिस्पा, इरेग्रोटिस्टक यूनियोलाइडिस यानि भुरभुरी घास भी देखने को मिली है। इसी तरह केसिया प्यूमीला यानि बड़ी चकौड़ा नाम से प्रसिद्ध घास की प्रजाति भी यहां मौजूद है। घास की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होने से शाकाहारी वन्यप्राणी जैसे, हिरण, चीतल, नीलगाय आदि को आसानी से भोजन उपलब्ध हो रहा है।

घास की प्रमुख 15 प्रजातियां

छोटी भोंड, गुरलू, डुरसी भाजी, बासिंग घास, छपकी छिप्पा, मुछैल घास, बड़ा चिप्पा (मूंगफली), गोल चिप्पा, बड़ी भोंड, भुरभुसी बड़ी, भैंस कांही, भुरभुसी छोटी, मेमेटी, बड़ी घास, गंजी, बड़ी उरई, पेनीकम, बड़ी चकौड़ा, उरई का, कांस, फ्लेमेंजिमा, नागरमोथा, आगयारी डारा, कंसकोरिया, गोंगल।

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में घास की 106 प्रजातियां हैं। घास की विभिन्ना प्रजातियों के बारे में फील्ड के अमले को जानकारी दी जा रही है। वन्यप्राणियों के लिहाज से मौसम काफी अनुकूल बना हुआ है।
एल कृष्णमूर्ति, क्षेत्र संचालक, 
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व