खरगोन में जैविक अमरूद की खेती की ओर किसानों का बढ़ रहा रुझान

खरगोन में जैविक अमरूद की खेती की ओर किसानों का  बढ़ रहा रुझान

जैविक अमरुद की खेती से किसानों का बदला जायका

संजय शर्मा
खरगोन। खरगोन जिले के कसरावद में जैविक अमरूद की खेती की ओर किसानों का रुझान बढ़ रहा है। कसरावद के जैविक अमरुद की डिमांड दिल्ली, यूपी और गुजरात में भारी मात्रा में है। टोंक मंडी में 40 से 50 रुपए किलो यह अमरुद बिक रहा। किसानों को प्रति एकड़ डेढ़ से दो लाख रुपए का फायदा भी हो रहा है।

जैविक खेती से किसानों को फसल की क्वालिटी और उत्पादन अधिक हो रहा है। इसके साथ ही नुकसान भी काफी कम हो रहा है। रासायनिक खादों के छिड़काव का बड़ा खर्च कम होकर सस्ते देशी जैविक खाद से किसान को अधिक लाभ मिल रहा है। सबसे बड़ा लाभ स्वास्थ्य की दृष्टि से आमजन को भी है। इसी कारण खरगोन का ये अमरूद की दिल्ली, यूपी और गुजरात में अच्छी मांग बनी हुई है। किसान को इस वर्ष 15 रुपए किलो अधिक फायदा मिल रहा है। किसान की जैविक तरीके को कुछ दिनों पहले उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह भी किसानों के खेत देखने आए थे। उन्होंने जैविक तरीके की तारीफ कर कृषि विभाग के अधिकारियों को जैविक अमरूद की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिए थे।