कृषि वैज्ञानिक ने बताया नरवाई जलाने का नुकसान और फसलों को कीटों से बचाने का उपाय

कृषि वैज्ञानिक ने बताया नरवाई जलाने का नुकसान और फसलों को कीटों से बचाने का उपाय

रीवा, पौध सरंक्षण वैज्ञानिक  डॉक्टर अखिलेश कुमार कृषि विज्ञान केंद्र रीवा द्वारा कृषको को समसामयिक सुझाव एवं सलाह में किसान खेत में नरवाई न जलाए क्योंकि भूमि की जलधारण क्षमता कम होने के साथ वातावरण का तापमान भी बढ़ जाता है। मृदा में पाये जाने वाले लाभदायक जीव या सूक्ष्मजीव के नष्ट होने के साथ.साथ पर्यावरण भी दूषित होता है और भूमि कठोर हो जाती है। 

खेत में पड़ा कचरा भूसा, डंढल सड़ने के बाद भूमि को प्राक्रतिक रूप से उपजाऊ बनाते हे। खेती का देष की आर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान है। अगर नरवाई न जलाकर  स्ट्रा रीपर का प्रयोग करके भूसा बनाकर पशुओ को खिला सकते है और जमीन मे मिट्टी पलटने वाले हल से पलटकर खेत में मिलाना चाहिए। 

उर्द एवं मूंग को पीला रोग से कैसे बचाएं

उर्द एवं मूंग की फसल में पीला रोग लगने पर इमीदाक्लोप्रिड्ड 17.8 एसल की 8 मिली मात्रा प्रति टंकी या थायोमेथोसाम एवं इमीदाक्लोप्रिड्ड  की मिश्रित दवा की 10 मिली मात्रा प्रति टंकी या 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। इस समय रीवा में प्याज में झुलसा रोग का प्रकोप देखा जा रहा है जिसमें पौधों की पत्तियां ऊपर से पीली पड़कर सूखने लगती है इसके नियंत्रण हेतु कैप्टान  हेक्साकोनोजोल की मिश्रित दवा की  30 ग्राम मात्रा प्रति टंकी या प्रोपिकोनाजोल 13.9 डायफेनोकोनाजोल 13.9 ईसी की मिश्रित दवा की 20 एम एल मात्रा प्रति टंकी या टेबुकोनाजोल 25.9 ईसी की 25 एम एल प्रति टंकी की दर से प्रकोपित फसल पर छिड़काव करना चाहिए। उर्द, बरबटी एवं मूंग की फसल में पत्ती काटने वाले कीट का प्रकोप देखा जा रहा है इसके नियंत्रण  के लिए प्रोपेनोफोस 50 ईसी की 25 मिली प्रति टंकी या थायमेथाक्साम 12.6 लेम्ब्डा सायहैलोथ्रिन 9.5 जेडसी मिश्रित दवा की 10 मिली मात्रा प्रति टंकी (15 लीटर पानी) की दर से  छिड़काव करना चाहिए। कद्दूवर्गीय फसलो  में फल मक्खी कीट का प्रकोप दिखाई देने पर   मेलाथियान 50 ईसी की 15 मिली के साथ 200 ग्राम गुड़ प्रति टंकी की दर से प्रकोपित फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

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