हिम्मत बांधी, हार नहीं मानी और उगा दिया घनघोर जंगल

हिम्मत बांधी, हार नहीं मानी और उगा दिया घनघोर जंगल

जावेद अली

मंडला, हम और आप शायद पूरी जिंदगी में दस पेड़ भी नहीं लगा पाते होंगे। हमें पर्यावरण की चिंता तो है, लेकिन, उसे बचाने के रास्ते पर चलने की हमारी हिम्मत नहीं होती। लेकिन, कुछ महिलाएं ऐसी हैं, जो न केवल पेड़ लगा रही हैं, बल्कि उन्होंने पूरा का पूरा जंगल ही उगा दिया है। जागत गांव हमार अपने इस अंक में मंडला जिले के मनेरी गांव की कल्लो बाई और शालिनी के बारे में बता रहा है। ये दोनों पर्यावरण से इतना प्यार करती हैं कि इन्होंने 200 हेक्टेयर का घनघोर जंगल ही उगा दिया है। इन्होंने यहां करीब 2.50 लाख पेड़-पौधे लगा दिए। इनके मन में पल-पल ये सवाल उठता है कि अगर जंगल खत्म हो जाएंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी क्या करेगी।

संघर्ष भरा जीवन

कल्लो बाई और शालिनी का जीवन संघर्ष से भरा है। कुछ साल पहले मनेरी के पास गोराम बाबा की पहाड़ी पर घनघोर जंगल हुआ करता था। लेकिन, ये पहाड़ी मंडला जिले में ऐसी जगह है, जहां अधिकांश लोग आज भी खाना बनाने के लिए चूल्हे का उपयोग करते हैं। चूल्हे पर खाना बनाने की वजह से लोग इसी पहाड़ी से लकडय़िां काटकर ले जाते थे। हालात यहां तक पहुंच गए कि पूरा का पूरा जंगल साफ हो गया। इन दोनों महिलाओं से ये देखा न गया। उनके मन में फिर वही सवाल था कि जंगल में पेड़ नहीं बचेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ी को क्या मिलेगा।

गांव वालों का नहीं मिला सहयोग

इस सोच के साथ दोनों ने पौध रोपण शुरू किया। ये काम इतना आसान भी नहीं था, क्योंकि, पौधा रोपण के दौरान महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। सबसे बड़ी दिक्कत थी पूरे गांव की। गांव के लोग जंगल काटने पर उतारू थे। यहां तक कि दोनों पर झूठा मामला भी दर्ज करवा दिया गया। लेकिन, दोनों महिलाओं ने हिम्मत नहीं हारी और एक भी पेड़ को कटने नहीं दिया। इस वीरान पहाड़ी पर करीब 2.50 लाख पेड़-पौधे हैं। दोनों ने मिलकर पहाड़ी पर सागौन, साल, हर्रा, आंवला, बेल जैसे घने, छायादार कीमती पेड़ लगा दिए। अभी ये पेड़ 30 से 50 सेंमी मोटाई के हैं।