बिचौलियों की टूटेगी चेन और किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

बिचौलियों की टूटेगी चेन और किसान बनेंगे आत्मनिर्भर

भोपाल। मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में किसानों की अहम भूमिका होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान को साकार करने में उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग जुटा हुआ है। मौसम से किसानों की फसल खराब होती है, तो उसका मुआवजा किसानों को सीधे तौर पर मिले। कोल्ड स्टोरेज लाभ किसान ले सकें, इसके लिए अनुदान व्यवस्था है, इससे पूरे परिवार को रोजगार मिलेगा। परिवार को रोजगार मिलेगा तो किसान आत्मनिर्भर होंगे। किसान फसल का ज्यादा उत्पादन कर सकेंगे। वहीं सुरक्षित रखकर बाजार में बेच भी सकेंगे। इससे बिचौलियों की चेन टूटेगी और आत्मनिर्भर भी बनेंगे। यह बात प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भरतसिंह कुशवाह ने एक खास बातचीत में कही।  

 -बातचीत के मुख्य अंश:

सवाल: आत्मनिर्भर मप्र को सफल बनाने के लिए आपके विभाग की क्या योजना? 
जवाब: इसे सफल बनाने के लिए एक जिला एक उत्पाद कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इससे जिले की पहचान बढ़ेगी और जो भी व्यापारी अन्य प्रांतों से प्रदेश में आते हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि किस जिले में किस चीज का उत्पादन हो रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि प्रधानमंत्री ने जो आह्वान किया है कि छोटे-छोटे उद्योग हैं एक जिला एक उत्पादन के तहत हर एक जिले में एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना हो सके। इससे एक जिले में उत्पादन के हिसाब से फूड प्रोसेसिंग यूनिट की शुरुआत हो सकेगी। 
सवाल: संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए आपका विभाग क्या प्रयास करेगा? 
जवाब: मौसम आधारित प्रश्नों के लिए सरकार के द्वारा फसलों का बीमा कराया जा रहा है। इस बार हमने बीमा के लिए जो प्रयास किया था उसमें बार-बार जो टेंडर री कॉल हुए और समय पर जो कंपनियां उसमें भाग नहीं ले पाई। इसमें मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर करते हुए आरबीसी में जो प्रावधान है उसको लागू किया है कि अगर मौसम के कारण हमारे किसान भाइयों की फसल खराब होती है तो उनका मुआवजा किसानों को सीधे तौर पर मिलना चाहिए। 

सवाल: सीएम ने सब्जियों की एमएसपी तय करने की बात कही थी, क्या तैयारी है? 
जवाब: मुख्यमंत्री किसान पुत्र हैं। उन्हें किसानों की हर हमेशा चिंता रहती है। यह सही बात है कि ज्यादातर शिकायतें हमारे कच्चे उत्पादन को लेकर मिलती थीं। कई बार उत्पादन अधिक होने से बाजार में भाव गिर जाते थे और कच्चे उत्पादन का किसान ज्यादा समय तक नहीं रख सकता है। एक से 2 दिन तक ही कच्चे उत्पादन को रखा जा सकता है। अगर 2 दिन में भाव सही नहीं मिलता था तो किसान मजबूर हो जाता था। ओने-पौने दामों में अपने उत्पादन को बेचने के लिए। इसलिए सीएम के निर्देशानुसार हमने स्थाई व्यवस्था करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें हमने कच्चे उत्पादन को सुरक्षित रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की चैन को बढ़ाया है। भंडारण की चैन को भी बढ़ाया है जिससे कच्चे उत्पादन को झ्यादा लंबे समय तक किसान उस उत्पादन को सुरक्षित रख सकें और जब भी मंडी में अच्छे भाव हों तब वह अपने उत्पादन को बेच सकें। 

सवाल: सूखी सब्जी का प्रचलन बढ़ा है, उसको लेकर विभाग क्या करेगा? 
जवाब: प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने यह संकल्प लिया है कि हमारा किसान आत्मनिर्भर बनें। हमारे किसानों की आय दोगुनी हो। जब किसान आत्मनिर्भर बनेगा तो हमारा मप्र आत्मनिर्भर बनेगा। मप्र आत्मनिर्भर बनेगा तो हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ने फूड प्रोसेसिंग के काम को जमीनी स्तर तक नीचे तक उतारने के लिए जो बजट में प्रावधान किया है। मध्य प्रदेश में पहली बार कच्चे उत्पादन ओं का प्रोसेसिंग होगी। उस प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों को जो आय होगी, इसके पीछे सरकार की सोच यह है कि किसान सिर्फ उत्पादन ना करें, बल्कि उससे किसान बाजार को भी अपने हाथ में ले सकें, इसलिए किसानों के उत्पादन की प्रोसेसिंग वह खुद कर सकें, जो प्रोसेसिंग की इकाई है उसके लिए अनुदान देने का प्रावधान भी है।