रोपाई को आसान बनाएगी मैकेनिकल प्लांटर मशीन
भोपाल। खेती-बाड़ी के सभी कार्यों जैसे खेत की जुताई, फसल की बोवनी, सिंचाई, कटाई, मड़ाई और भंडारण आदि में कृषि यंत्रों का उपयोग किया जाता है। यही वजह है कि मौजूदा समय में किसान अपनी फसलों की पैदावार अच्छी और अधिक प्राप्त कर रहे हैं। आज किसान खेती में नई-नई तकनीकों का उपयोग करते हैं। वहीं, सरकार भी किसानों के लिए खेती के कार्यों को आसान बनाने के लिए नई तकनीकों पर काम कर रही है। इसी क्रम में इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रिकल्चर रिसर्च के कृषि वैज्ञानिकों ने एक नई मेकैनिकल प्लांटर मशीन लांच की है। इस मशीन के विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्व-चलित प्लांटर मशीन से किसानों को श्रम की समस्या से आजादी मिलेगी।
एक दिन में होगी 3-4 एकड़ रोपाई
मेकैनिकल प्लांटर मशीन का उपयोग रोपाई के कार्य में किया जाता है। इससे प्रतिदिन 3 से 4 एकड़ खेत में रोपाई की जा सकती है। इस प्लांटर मशीन से चटाई प्रकार की नर्सरी को पॉलिथीन शीट पर या ट्रे में उगाया जाता है। इसके बाद फ्रेम को पॉलिथीन शीट पर रख दिया जाता है फिर इसके किनारों में मिट्टी डाल दी जाती है। इसके बाद नर्सरी सीडर द्वारा बीज को फ्रेम में रख दिया जाता है।
किसानों की पसंद बनी तकनीक
मोगा जिले के बद्दुवाल गांव में चटाई प्रकार की नर्सरी उगाने एवं यांत्रिक तरीके से रोपण प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसके बाद ही किसान आईसीएआर द्वारा लॉन्च की गई तकनीक को अपना रहे है। वर्तमान समय में मोगा क्षेत्र के कई किसान इस कृषि यंत्र से प्रभावित होकर खरीद कर रहे हैं। इसके साथ ही किसान भाई मशीन को किराए पर देकर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। मेकैनिकल प्लांटर मशीन खेती के लिए काफी लाभदायक है। इससे किसान भाई अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।