अगले माह जैविक किसान सम्मेलन का आयोजन, किसानों मांगे जाएंगे सुझााव
भोपाल, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये जैविक खेती करने वाले किसानों से सुझाव लिये जायेंगे। उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने मंत्रालय में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिये। अपर मुख्य सचिव उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण जे.एन. कंसोटिया, आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण ई. रमेश कुमार और एम.डी. एम.पी. एग्रो राजीव कुमार जैन उपस्थित थे।
जिला बागवानी सलाहकार समितियाँ गठित की जायेंगी
राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि संभागीय किसान कार्यशाला में किसानों से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी क्षेत्र को विस्तार देने और किसानों के अनुकूल विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये जिला स्तर पर जिला बागवानी सलाहकार समितियाँ गठित की जायेंगी। समितियों में संबंधित जिले के किसान सदस्य रहेंगे। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि जैविक उद्यानिकी खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों के सुझाव के आधार पर कार्यक्रम तय किया जायेगा। किसानों से सुझाव प्राप्त करने अगले माह जैविक कृषक सम्मेलन आयोजित करेंगे। सम्मेलन में प्रदेश के सभी जिले से जैविक खेती करने वाले उद्यानिकी कृषकों को आमंत्रित किया जायेगा।
उन्नत किस्म के बीज और पौधे विभाग उपलब्ध करवायेगा
उद्यानिकी किसानों को उनकी माँग और आवश्यकता के अनुरूप उद्यानिकी फसलों के भंडारण के लिये पैक-हाउस, प्याज भंडार-गृह, कोल्ड-स्टोरेज निर्माण का जिलों को लक्ष्य दिया जायेगा। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि उद्यानिकी किसानों की माँग के अनुसार उन्नत किस्म के बीज और पौधे विभाग उपलब्ध करवायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों की माँग के अनुरूप विशेष रूप से अमरूद की वीएनआर वर्फ खाना, पिंक ताईवान आदि किस्मों के पौधे विभाग द्वारा उद्यानिकी किसानों को उपलब्ध करवाये जायेंगे। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि पॉली-हाउस और शेडनेट योजना में किसानों को अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से किस्तों में देने का निर्णय लिया गया है।
औषधीय फसलों के बीज पर मिलेगा अनुदान
राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि औषधीय फसलों के बीज पर अनुदान, "एक जिला-एक उत्पाद'' में बैंक स्तर पर लंबित प्रकरणों के निराकरण, बीज, खाद, दवाई का गुणवत्तापूर्ण परीक्षण सहित किसानों द्वारा दिये गये अन्य सुझावों को भी अमल में लाने के लिये निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों को आवारा मवेशियों और जंगली जानवरों से सुरक्षित रखने के लिये खेत की तार-फेंसिंग के लिये अनुदान देने की योजना शुरू की जायेगी। राज्य मंत्री श्री कुशवाह ने बैठक में किसानों के सुझाव पर लिये गये निर्णयों को क्रियान्वित करने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये।