सांसद प्रज्ञा का 'आदर्श' गांव 'अनाथ'

सांसद प्रज्ञा का 'आदर्श' गांव 'अनाथ'

ग्रामीणों ने अपनी सांसद से 7 मांगें की थीं, एक भी पूरी नहीं

भोपाल। सात साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श गांव की शुरुआत इस उद्देश्य से की थी ताकि गांवों की सूरत बदले। यहां सड़कें सुधरें, पक्की नालियां बनें, सीपेज सिस्टम बेहतर हो, साफ-सफाई रहे आदि। लेकिन, ऐसा हो नहीं रहा है। भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर के गोद लिए गांव खजुरिया कलां की तस्वीर एकदम उलट है। यानी गोद लेने के बाद भी अनाथ की तरह पड़ा है। गांव के ही लियाकत, सुरेश गौर, साबिर का कहना है कि एक जनवरी 2021 को सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने इस गांव को गोद लेने की घोषणा की, लेकिन इसका भूमिपूजन करने में उन्होंने छह महीने लगा दिए। 12 जुलाई को सांसद ने विधिवत गांव गोद लिया। हमने 7 मांगें रखीं, लेकिन आज तक एक भी पूरी नहीं हुई। इन पौने दो साल में सिर्फ एक यात्री प्रतीक्षालय बना है, जिस पर उनकी बड़ी सी फोटो लगी है। यहां सड़कें टूटी हैं, स्कूल जर्जर है, बाउंड्री वॉल भी नहीं है। स्ट्रीट लाइट बेकार पड़ी हैं, नदी घाट के सौंदर्यीकरण का एक भी काम नहीं हुआ। गोद लेने के बाद सांसद सिर्फ दो बार गांव आईं, जबकि उसके पहले तीन बार आईं थीं। सीहोर जिले का खजुरिया कलां गांव भोपाल से 46 किमी दूर है, जहां 3860 आबादी में 2284 वोटर हैं।

सौंदर्यीकरण का बजट भी लैप्स 
पंचायत चुनाव से पहले 15 लाख रुपए में नदी घाट के सौंदर्यीकरण के लिए मंजूर हुए थे, लेकिन तत्कालीन सरपंच व पंचायत अफसरों में राशि को लेकर मतभेद हो गया। नतीजा ये हुआ कि आचार संहिता लग गई और बजट लैप्स हो गया।
गांव में सभी काम हो रहे  
वहीं सीईओ हर्ष सिंह का दावा है कि गांव में पीएम आवास, स्वच्छ भारत, मनरेगा व पेंशन के काम चल रहे हैं। सांसद का काम समन्वय का है। उनके प्रपोजल पर काम जारी है।  

हैंडपंप भी सूख गए
मौजीराम ने बताया कि गांव में 1995  में पानी की टंकी बनी थी, जो आज  तक पूरी नहीं भर पाई। कभी बिजली नहीं तो कभी मोटर खराब। नल-जल योजना के तहत जाजन खेड़ी में टंकी बनी है, लेकिन अब तक चालू नहीं हो पाई। यहां हैंडपंप भी सूख चुके हैं।

जर्जर स्कूल 
गांव में 10वीं तक स्कूल है। यहां 200 बच्चे पढ़ते हैं। छत में बडे-बड़े छेद हैं। यहां गेट, जालियां चोरी हो गई हैं। स्कूल का एक हिस्सा टूट चुका है। चाहरदीवारी बनवाने की मांग की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

गांव की दरकार
स्कूल के मैदान की बाउंड्रीवॉल। लागत करीब 25 लाख रुपए। गांव में पक्की नालियों का निर्माण। लागत करीब 92 लाख रुपए। पारवा नदी पर घाट का सौंदर्यीकरण। लागत करीब 15 लाख रुपए। मेहंदीवाली मेन सड़क से गौरीलाल के खेत तक एक किमी की खेत सड़क। लागत 14 लाख रुपए। पूरे गांव में पांच किमी की सड़कें चाहिए। लागत करीब 75 लाख। स्ट्रीट लाइट चाहिए। बजट 2.10 लाख रुपए की दरकार है। 

हर सांसद एक गांव गोद लेगा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर सांसद को एक गांव गोद लेना होगा। लेकिन शर्त ये है थी कि जो सांसद जो भी गांव चुनेंगे वो गांव सांसद या उनकी पत्नी का नहीं होगा। पीएम ने कहा था, इस योजना से हर सांसद के नेतृत्व और प्रयत्न से एक साल में 800 गांवों का कायाकल्प होगा।

-ओपन जिम का बजट स्वीकृत हुआ है। नाला गहरीकरण का काम हुआ है। गांव में गेट बनवा रहे हैं। इसका प्रस्ताव भेजा है।
सिद्धगोपाल वर्मा, सीईओ जपं, सीहोर

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