अब गैर इमारती लकड़ी के उत्पादों का प्रबंधन सीखेंगे युवा
sumit sharma
रेहटी, गैर इमारती लकड़ी के वन उत्पादों पर आधारित जीविकोपार्जन के लिए सहभागियों को बुनियादी कौशल ज्ञान प्रदान करने के लिए पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। इसके लिए डब्ल्यूडब्ल्यूएफ एनविस आरपी गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के सहयोग से पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सहयोग कि या जा रहा है। इसके तहत हरित कौशल विकास कार्यक्रम जीएसडीपी के अंतर्गत गैर-इमारती लकड़ी के वन उत्पादों, एनटीएफपी उत्पादों, औषधीय पादपों का मूल्य संवर्धन और विपणन के संबंध में जीएसडीपी प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।
इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य गैर इमारती लकड़ी के वन उत्पादों पर आधारित जीविकोपार्जन के लिए सहभागियों को बुनियादी कौशल ज्ञान प्रदान करना है। पाठ्यक्रम में एनटीएफपी की जीवनावधि में वृद्धि करने, क्षमता निर्माण और उनको बाजार संपर्कता प्रदान करने के लिए एनटीएफपी के मूल्य संवर्धन में अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण शामिल है। पाठ्यक्रम के लिए पिछले दिनों एक टीम ने भोपाल सहित सीहोर जिले का दौरा किया।
इसी कड़ी में टीम रेहटी स्थित औषधि प्रसंस्करण केंद्र में भी पहुंची और यहां तैयार हो रहे उत्पादों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान प्रबंधक सुरेश यादव ने इकाई के कार्यकलापों के बारे में विस्तृत जानकरी प्रदान की। वहीं समिति के वेद पंडित प्रेम नारायण शर्मा ने भी प्रकाश डाला। इस दौरान प्रोफे सर प्रद्युत भट्टाचार्य तथा जीजीएसआईपीयू के विशेषज्ञ डॉ. प्रिया भल्ला, डॉ. आएशा खोसला, राजीव कुमार, संदीप कुमार, अभिजिता सीएस सहित अन्य लोग मौजूद रहे।