आदर्श बनी महूना गूजर पंचायत, जज्बे ने बदली तस्वीर
भगवान, सिंह प्रजापति
राहतगढ़, कोरोनाकाल में मजदूरों के लिए वरदान बनी मनरेगा ने पंचायतों की तस्वीर बदल दी है। केंद्र और राज्य सरकारों की मदद से गांव में न सिर्फ विकास की कार्य शुरू हुए हैं, बल्कि स्थानीय लोगों को गांव में ही रोजगार भी मिला है। वहीं भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी है। कुछ ऐसा ही स्थिति सागर जिले की राहतगढ़ जनपद पंचायत के महूना गूजर पंचायत की है। यहां सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की सक्रियता से पंचायत में विकास कार्यों ने गांव की तस्वीर बदल दी है। यह संभव हो सका है, गांव के लिए कुछ करने के जज्बे के कारण। यहां सरपंच, सचिव एवं रोजगार के इसी जज्बे ने पंचायत की तस्वीर बदल दी है। अब महूना गूजर पंचायत भी आदर्श पंचायत का रूप ले चुकी है।
कभी होता था कीचढ़, आज फर्राटे भर रहे वाहन: पंचायत के गांव में बारिश के दिनों में सड़क पर निकलना संभव नहीं हो पाता था। यहां तक की लोग कीचढ़ के चलते घरों से बाहर नहीं निकल पाते थे, लेकिन सरपंच तारा सिंह गूजर, सचिव रामस्वरूप अहिरवार एवं रोजगार सहायक भूपेंद्र दुबे ने ग्रामीणों की मंशा को आकार देते हुए पंचायत की तस्वीर ही बदल दी। अब गांव में कीचढ़ की जगह आरसीसी सड़क है। साथ ही गांव में अन्य मार्ग पर भी सड़क प्रस्तावित है, जिसकी तस्वीर भी जल्द ही बदल जाएगी। बताया जाता है कि पंचायत में 20 के करीब ऐसी सड़कें बनी हैं, जिससे गांव में विकास की तस्वीर दिख रही है।
पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र का बदला नजारा: गांव में पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र बनकर तैयार है। इनकी तस्वीर किसी आदर्श कार्यालय जैसी है। खासकर आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों को लुभा रहा है। यहां बच्चे न सिर्फ शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, बल्कि उन्हें पोषण आहार भी मिल रहा है। यही नहीं पंचायत भवन में आगतुकों के लिए बेहरत माहौल तैयार किया गया है, ताकि यहां कार्य से आने वाले लोगों को सहूलियत हो सके। आंगनबाड़ी में बच्चों को घर जैसा माहोल उपलब्ध कराया जा रहा है, जहां बच्चे पढ़ाई के बाद खुशी-खुशी घर लौटते हैं। बच्चों को प्रेरित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर फूलों का बगीचा भी लगाया गया है, जहां खिले रंग-बिरंगे फूल नौनिहालों को रोजाना आंगनबाड़ी केंद्र आने के लिए प्रेरित करते हैं।