टमाटर की यह किस्में, जिनकी खेती में फायदा ही फायदा

टमाटर की यह किस्में, जिनकी खेती में फायदा ही फायदा

भोपाल, टमाटर एक ऐसी ही फसल है जो भारतीय लोगों द्वारा रोजाना खाई जाती है, जिससे इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। ऐसे में किसान टमाटर की वैज्ञानिक खेती कर अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए तापमान का बहुत बड़ा योगदान होता है।

टमाटर की खेती के लिए 18 डिग्री से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान उपयुक्त रहता है। टमाटर जिस भूमि में लगाया जाता है वहां जल का जमाव नहीं होना चाहिए अतः किसानों को जल निकासी की उपयुक्त व्यवस्था करना चाहिए। टमाटर की अच्छी पैदावार के लिए भूमि का पी-एच मान 6-7 के मध्य होना चाहिए। किसान इसकी खेती के लिए उन्नत एवं संकर किस्मों के बीज की बुआई नर्सरी में करें। सितम्बर माह टमाटर की बुआई के लिए उपयुक्त रहता है

टमाटर की उन्नत एवं विकसित किस्में

अगेती किस्में

1. गोल्डन
2. पूसा हाइब्रिड-2
3. पूसा सदाबहार
4. पूसा रोहणी
5. पूसा-120
6. पूसा गौरव
7. काशी अभिमान
8. काशी अमृत
9. काशी विशेष
10. पीएच-4
11. पीएच-8 

बीज की मात्रा और दूरी

टमाटर का अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए संकर प्रजातियों के लिए 250-300 ग्राम और और उन्नत प्रजातियों के लिए 500-600 ग्राम प्रति हैक्टयर बीज की मात्रा का उपयोग किसान भाई कर सकते हैं। टमाटर की बोनी किस्मों की रोपाई 60X60 से.मी. तथा अधिक बढ़ने वाली किस्मों की रोपाई 75-90X60 से.मी. पर करें।

खाद का प्रयोग

टमाटर की रोपाई के समय प्रति हैक्टर 250 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद या 80 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट के साथ 40 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फास्फोरस, 60-80 किलोग्राम पोटाश, 20-25 किलोग्राम जिंक सल्फेट एवं 8-12 किलोग्राम बोरेक्स का छिडकाव करें। संकर/असीमित बढ़वार किस्मों के लिए प्रति हैक्टर 50-55 किलोग्राम नाइट्रोजन का प्रयोग करें।