खेती को लाभ का धँधा बनाने के लिये शिवराज कृत-संकल्पित
कमल पटेल
हमारा प्रदेश और देश कृषि प्रधान है। सौभाग्य की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिहं चौहान किसान पुत्र होने के साथ ही किसान हितैषी भी हैं। वे खेती को लाभ का धँधा बनाने के लिये कृत-संकल्पित होकर किसानों को विभिन्न योजनाओं में लाभान्वित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान की दूरदर्शिता, संकल्पों को पूरी करने की प्रतिबद्धता और किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लक्ष्य का ही परिणाम है कि प्रदेश को राष्ट्रीय-स्तर पर दिया जाने वाला कृषि कर्मण अवार्ड लगातार सातवीं बार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के सशक्त और चमत्कारिक नेतृत्व में सरकार ने किसानों के लिये विगत एक वर्ष में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक निर्णय लेकर सरकार के एक साल को बेमिसाल बना दिया है। सरकार ने कोरोना की विपत्ति के बाद भी रिकॉर्डेड गेहूँ का उपार्जन कर पंजाब को पीछे छोड़कर प्रथम स्थान हासिल किया।
चना और सरसों के उपार्जन की मात्रा 20-20 क्विंटल नियत की गयी। एक दिन में समर्थन मूल्य पर उपार्जन की अधिकतम सीमा 25 क्विंटल को समाप्त किया गया। मण्डियों के बाहर किसानों के घर से सौदा-पत्रक के आधार पर खरीदी करना सुनिश्चित किया गया। इलेक्ट्रॉनिक तौल-काँटे से तुलाई होने पर हम्माल-तुलावटी की राशि वसूलना बंद कराना सुनिश्चित कराया गया।
सरकार ने वर्ष 2018 और 2019 की बीमित फसलों के 9 हजार करोड़ रुपये की बीमा राशि किसानों को दिलवाई। फसल बीमा कव्हरेज के लिये स्केल ऑफ फायनेंस को 75 प्रतिशत के स्थान पर 100 प्रतिशत किया गया। देश में पहली बार रविवार को भी बैंक खुलवाकर किसानों का बीमा करवाया। वन ग्रामों के किसानों को बीमा योजना में शामिल करने के लिये राजस्व ग्रामों में शामिल कराया। कृषि आदान के लायसेंस की तिथियाँ बढ़ाई गईं।
फसलों के उपचार के लिये कृषि ओपीडी प्रारंभ की गई। कम्बाइन हॉर्वेस्टर पर लगने वाले 10 प्रतिशत रोड टेक्स को घटाकर मात्र एक प्रतिशत किया गया। किसानों के हित में समस्त विभागीय दिशा-निर्देश, संवाद एवं पत्राचार सरलीकृत रूप से राजभाषा हिन्दी में जारी करने के निर्देश दिये गये। पहली बार गेहूँ उपार्जन के साथ ही किसानों के हित में चना, मसूर एवं सरसों के उपार्जन का ऐतिहासिक निर्णय लिया। किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिये "किसानों का सच्चा साथी-कमल सुविधा केन्द्र'' खुलवाकर 3500 समस्याओं का निराकरण किया।
किसान हितैषी सरकार ने 22 सितम्बर, 2020 को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना प्रारंभ कर 37 लाख 50 हजार किसानों को 750 करोड़ रुपये की राशि खाते में अंतरित की। प्रदेश सरकार ने 15 लाख 81 हजार मेहनतकश अन्नदाता किसानों से एक करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का रिकॉर्ड उपार्जन कर किसानों के खाते में 24 हजार 833 करोड़ रूपये का भुगतान किया। हमारी सरकार ने 5 लाख 96 हजार किसानों से 37 लाख 36 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन करते हुए 6 हजार 935 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
इसके साथ ही 3 लाख किसानों को चना, मसूर और सरसों खरीदी के लिये 3 हजार 959 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। सरकार ने वर्ष 2018 और वर्ष 2019 की दोनों फसलों की बीमा राशि के रूप में 44 लाख किसानों को 8 हजार 891 करोड़ की राशि का भुगतान बीमा कम्पनियों से कराया गया। सरकार ने इस वर्ष प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 44 लाख 53 हजार 606 किसानों का बीमा कराया है। एग्रीकल्चर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर फण्ड योजना में 138 किसानों को 72 करोड़ 35 लाख रुपये का ऋण वितरित कर योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश प्रथम स्थान पर है।
सरकार ने किसानों के साथ विभिन्न प्रकार से धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध वर्षभर निरंतर कठोर कार्यवाही की। प्रदेश में अमानक बीज विक्रय करने वाले 10 विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर, 227 बीज विक्रेताओं के पंजीयन निलंबित और 148 पंजीयन निरस्त किये गये। प्रदेश में अमानक कीटनाशक विक्रय करने वाले 10 विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर, 39 विक्रेताओं के पंजीयन निलंबित, 22 विक्रेताओं के पंजीयन निरस्त एवं 5 प्रकरण न्यायालय में दर्ज किये गये। प्रदेश में 504 अमानक उर्वरक विक्रेताओं के पंजीयन निलंबित करते हुए 153 उर्वरक विक्रेताओं के पंजीयन निरस्त किये गये।
शिवराज सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत अभियान के सपने को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने की ओर अग्रसर है। किसान को आत्म-निर्भर बनाने के लिये सरकार द्वारा सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं। भारत सरकार द्वारा निर्मित किये गये एग्रीकल्चर इन्फ्रा-स्ट्रक्चर फण्ड योजना के अंतर्गत ऋण प्रदाय किये जा रहे हैं। नवीन फूड प्रोसेसिंग ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) गठित किये जा रहे हैं।
मण्डियों को आधुनिक बनाया जा रहा है। फूड पार्क, कोल्ड-स्टोरेज, साइलो, वेयर-हाउसों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश में एक जिला-एक फसल योजना लागू की जाकर किसानों को बेहतर गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है। बासमती चावल, शरबती गेहूँ, होशंगाबाद जिले की तुअर दाल इत्यादि को एपीडा के माध्यम से जीआई टैग दिलाने की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना के तहत आगामी वित्तीय वर्ष के लिये 3 हजार 200 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है, जिसका लाभ 80 लाख किसानों को मिलेगा। देश के ग्रामवासियों को वास्तविक आजादी का अहसास दिलाने वाली प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का लाभ देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश के हरदा निवासी रामभरोस विश्वकर्मा को दिलाकर हम सभी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार किसानों को आत्म-निर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के दृढ़ निश्चय को हर हाल में पूरा करेगी।
(लेखक प्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री हैं।)