बरगद का दूध कोरोना में रामबाण, जानिए कैसे करें प्रयोग
भोपाल, बरगद के पेड़ को वट वृक्ष या बड़ के पेड़ भी कहा जाता है। आपने अपने घरों के आसपास या मंदिरों में बरगद का पेड़ देखा होगा। महिलाएं बट सावित्री की पूजा के दौरान बरगद के पेड़ की पूजा करती हैं। बरगद का पेड़ बहुत विशाल और बड़े-बड़े पत्तों वाला होता है। क्या आप जानते हैं कि रोगों के इलाज में भी बरगद के पेड़ के फायदे मिलते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, बरगद का पेड़ एक उत्तम औषधि है। इससे कई बीमारियों का इलाज कर सकते हैं।
डाक्टर रामगोपाल सोनी के अनुसार बरगद का पेड़ कई बीमारियों में रामबाण इलाज है। इस समय कोरोना महामारी में यदि हम बरगद के पेड का सहारा लें तो काफी हद तक इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है। कोरोना के मरीजों में फेफड़ों में संक्रमण और आक्सीजन की कमी प्रमुख समस्या बनी हुई है। ऐसे में यदि हम आयुर्वेद और बरगद के वृक्ष का सहारा लें तो इस विकराल महामारी से लडने काफी मददगार साबित हो सकता है।
उनका कहना है कि वोलेंटियर बनाकर मास्क बंटवाने और फोटो खिंचाने की बजाय यदि देसी हर्बल उपाय बता दे तो कोई भी व्यक्ति करोना से न मरे और घर में ही ठीक हो जायेगा। अस्पतालो में ऑक्सीजन की कमी है तो हम आयुर्वेद का सहारा क्यों नहीं लेते ।
एक सप्ताह में दूर होगा फेफड़े का संक्रमण
कोविड पॉजिटिव होने पर यदि बरगद का 15 बूंद दूध दो चम्मच सादे दूध के साथ मिलाकर सुबह शाम दे दे तो ऑक्सीजन की जरूरत ही नही पड़ेगी । एक सप्ताह में फेफड़े का संक्रमण दूर हो जाता है।
दो दिन में आराम दिलाएगा कालमेघ
कालमेघ अर्थात कडू चिरायता और गिलोय के मिश्रण का 25 ग्राम लेकर एक लीटर पानी में उबाले और आधा बचने पर छान ले और ठंडा करके रख ले। मरीज जो कोविड वाला है उसको आधा कप सुबह शाम पिला दे । पंद्रह दिन लेना है । आराम दो दिन में ही मिल जायेगा । बचाव के लिए उक्त काढ़ा एक माह तक सुबह एक बार पिए, इसके बाद महीने में 7 दिन लगातार पीतें रहें ।
नाक में डालें नारियल या सरसों का तेल नहीं होगा कोरोना
करोना न फैले इसलिए नाक के छिद्रों में नारियल या सरसों का तेल दो बूंद अंदर तक लगा ले और बाहर निकलने पर हर चार घंटे में लगाए ।