सिवनी में 'संजीवनी' को संरक्षण की दरकार

सिवनी में 'संजीवनी' को संरक्षण की दरकार

सिवनी। जंगलों को सुरक्षित रखने व समृद्ध बनाने का प्रयास लंबे समय से सिवनी जिले में किया जा रहा है। जिसके चलते सिवनी जिले में कई दुर्लभ औषधियां जड़ी बूटी और वनस्पति संरक्षित है। जो कई बीमारियों के उपचार में काम आती हैं। सिवनी जिले में कई आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं जो जंगलों से घिरे हैं और प्राकृतिक वातावरण से परिपूर्ण है। जिले में प्राप्त औषधियों में कई गुण विद्यमान रहते हैं। जो बड़े-बड़े असाध्य रोगों से लोगों को निजात दिलाते हैं। वहीं कई जगह वन संपदा को नुकसान पहुंचाया जाता है जिसके नतीजा यह होता है कि औषधियों की संख्या घट जाती है। सिर के बाल झडऩे की समस्या दूर करने जंगल मिलने वाली दुर्लभ जटाशंकर औषधि की जड़ का उपयोग होता है। हृदय रोग जोड़ों के दर्द व अन्य बीमारियों में में उपयोग में आने वाली औषधि में गूगल का पेड़ उपयोग होता है।

औषधियों से जिला भरा 
सिवनी जिले के जंगलों में कई लाभदायक पेड़,पौधे भी है जैसे गोरख इमली, पुनर्नवा की बेला, छोटी भटकटैया, शिवनाथ का पौधा, सफेद मूसली, काली मूसली, जंगली, हल्दी, चिरायता, शतावर, अमलतास, अर्जुन, निर्गुंडी, गोरखपुरकुंडी, शिवलिंगी, अकोल,कुल्लू गोंड, बायवरिंग, नागरमोथा, जंगली सूरन, काला धतूरा, भृंगराज, तुलसी, आंवला, एलोवेरा, नीम सहित 156 प्रकार की कई औषधियों से जिला भरा हुआ है।

452 की बेल लता
सिवनी जिले के कुरई,केवलारी,धूमा, छपारा, बरघाट,घंसौर, धनोरा सहित कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां गुणकारी औषधियां मिलती हैं। वही बेल लता की 
बात करें तो 452 प्रजातियां भी जिले में मिलती है।   पेंच टाइगर रिजर्व बफर एरिया में 159 प्रजाति के पेड़,133 तरह की झाडिय़ां, 152 प्रकार की बेल,100 प्रकार की परजीवी बेलिया और घाट की 119  प्रजातियां शामिल हैं।

गुरबेल जीवन रक्षक
जिले में गुरबेल जैसी औषधि भी प्राप्त हो जाती है। जिसका उपयोग लोगों ने कोरोनाकाल में अधिकतर मात्रा में किया। यह एक परजीवी पौधा है जो दूसरी पौधे पर आश्रित रहता है। वही नीम के ऊपर चढ़ा हुआ गुरबेल काफी लाभदायक माना जाता है। जिसे कोरोना काल के समय ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर लोगों ने उपयोग किया। और उससे लाभ भी उन्हें मिला।

सभी प्रजातियों के पेड़ पौधों के अलावा दुर्लभ औषधियां पौधे भी जिले के जंगल में पाए जाते हैं। वनोपज के मामले में सिवनी पड़ोसी जिलों के से काफी आगे है। जैव विविधता के संरक्षण व संवर्धन के लिए सभी तरह के प्रयास वन विभाग की ओर से किए जा रहे हैं। औषधि पौधों का प्लांटेशन कराने के साथ समय-समय पर जैव विविधता की उपयोगिता समझाने अभियान भी चलाया जाता है।
एसएस उद्दे, सीसीएफ, वन विभाग, सिवनी

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