मत्स्य पालकों, डेयरी संचालक और पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड, देगी सरकार, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

मत्स्य पालकों, डेयरी संचालक और पशुपालकों को क्रेडिट कार्ड, देगी सरकार, जानिए कैसे मिलेगा लाभ

भोपाल, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने अभियान चला रही है। 15 नवंबर 2021 से लेकर 15 फरवरी 2022 तक अभियान चलेगा। सरकार खेती की तरह ही पशुपालन, डेयरी एवं मछली पालन कर रहे व्यक्तियों को कम ब्याज दरों पर आसानी से लोन उपलब्ध हो सके इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड KCC को पशुपालन एवं मछली पालन से जोड़ दिया गया है। अधिक से अधिक मछली पालकों एवं पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने “राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान”की आधिकारिक रूप से शुरूआत कर दी है। इस अभियान के माध्यम से दुग्ध संघों से जुड़े उन सभी पात्र डेयरी किसानों को सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा, जिन्हें पहले अभियान में अभी तक शामिल नहीं किया गया है।

राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान 15 फरवरी तक चलेगा

देश के सभी पात्र पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान करने के लिए मत्स्य विभाग (डीओएफ) और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सहयोग से 15 नवंबर 2021 से लेकर 15 फरवरी 2022 तक “राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान“का आयोजन कर रहा है। इस अभियान का आयोजन करने के लिए 10-11-2021 को राज्यों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं । वित्तीय सेवाओं के विभाग द्वारा बैंकों के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

कौन ले सकते हैं KCC का लाभ 

इस अभियान के अंतर्गत उन सभी पात्र किसानों को शामिल किया जायेगा जो विभिन्न पशुपालन गतिविधियों में शामिल हैं जैसे गोवंश पालन, बकरी, सुअर, मुर्गी पालन और अन्य संबद्ध गतिविधियां एवं मछली पालन एवं उससे सम्बंधित गतिविधियाँ आदि। इस अभियान के माध्यम से दुग्ध संघों/एमपीसी से जुड़े उन सभी पात्र डेयरी किसानों को सम्मिलित करने का प्रयास किया जाएगा, जिन्हें पहले अभियान में अभी तक शामिल नहीं किया गया है।

पूरे देश में लगभग 10 करोड़ एएचडी किसान 

पिछले वर्ष 1 जून 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों के पात्र डेयरी किसानों को एएचडीएफ केसीसी उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलायागया था, जिसके परिणाम स्वरूप 14 लाख से ज्यादा नए एएचडीएफ केसीसी को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। पूरे देश में लगभग 10 करोड़ एएचडी किसान हैं, इसलिए डेयरी सहकारी समितियों के अलावा भी इसके विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद है, जिससे कि अन्य पात्र डेयरी किसानों के साथ-साथ पशुपालन गतिविधियों में शामिल अन्य को भी कवर किया जा सके।

4% ब्याज दर पर 3 लाख की ऋण सीमा 

पशुपालन एवं मत्स्यपालन की गतिविधियों से अधिक किसानों के जुड़ने के कारण वर्ष 2019 के बजट में किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा की उपलब्धता को पशुपालन तथा मत्‍स्‍यपालन के लिए भी सुनिश्चित करने के बारे में निर्णय लिया गया था और इसी अनुरूप पूर्व से किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को 4% ब्याज दर पर 3 लाख की ऋण सीमा के तहत पशुपालन तथा मत्‍स्‍यपालन गतिविधियों को भी शामिल किया गया है।

कितना मिलता है लोन?

दरअसल, पहले किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा सिर्फ खेती करने वालों को मिलती थी. लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने ऐसा महसूस किया कि इससे संबद्ध क्षेत्रों के लोगों को भी क्रेडिट सुविधा मिलनी चाहिए। फिर इसका विस्तार मत्स्यपालन और पशुपालन के लिए भी कर दिया गया। लेकिन इन दो क्षेत्रों में शामिल लोगों को खेतिहरों के मुकाबले कम पैसा मिलता है। खेती के लिए केसीसी पर 3 लाख रुपये का सस्ता लोन मिलता है। जबकि पशुपालन और मत्स्यपालन के लिए सिर्फ 2 लाख का।

बिना केसीसी ऋण की सामान्य सीमा 1.6 लाख रुपये 

वैसे तो संपार्श्विक या कोलैटरल के बिना केसीसी ऋण की सामान्य सीमा 1.6 लाख रुपये है, लेकिन उत्पादकों और प्रसंस्करण इकाइयों के बीच बिना किसी बिचौलियों के गठजोड़ के अंतर्गत जिन किसानों का दूध सीधे तौर पर दुग्‍ध संघों द्वारा खरीदा जाता है, उनके मामले में ऋण सीमा कोलैटरल के बिना 3 लाख रुपये तक हो सकती है। इससे दुग्ध संघों से जुड़े डेयरी किसानों के लिए ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और साथ ही बैंकों को ऋण चुकता होने का आश्वासन भी मिलेगा।