हरियाणा की मुर्रा भैंस खरीदने पर मप्र सरकार देगी 75% तक सब्सिडी, जानें क्या है योजना

हरियाणा की मुर्रा भैंस खरीदने पर मप्र सरकार देगी 75% तक सब्सिडी, जानें क्या है योजना

छह महीने का दाना-चारा भी देगी सरकार 

भोपाल। किसानों की आय को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार एक स्कीम लेकर आई है। मुर्रा नस्ल की भैंसें हरियाणा से मध्य प्रदेश के किसानों को बेची जाएंगी, वो भी आधी कीमत में। मुर्रा भैंस पालकर मध्य प्रदेश के वासी उसका दूध-घी बेचकर मुनाफा कमा सकेंगे। इसके लिए सरकार लघु सीमांत किसानों से केवल 50% राशि लेने के बाद 2 मुर्रा भैंस उपलब्ध करवाएगी। ये भैंसे हरियाणा से जाएंगी।

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 3 जिलों होगी शुरुआत

पशुपालन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, फिलहाल यह योजना मध्य प्रदेश के 3 जिलों रायसेन, विदिशा और सीहोर में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू हो रही है, इसके बाद पूरे प्रदेश में ऐसा होगा।

मप्र सरकार की अनोखी योजना
मध्य प्रदेश में पहली बार भैसों के लिए इस तरह का प्रोजेक्ट लॉन्च किया जा रहा है। इससे पहले ऐसा प्रोजेक्ट तेलंगाना में शुरू किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि, मध्य प्रदेश को जाने वाली दो भैंसों की कीमत करीब ढाई लाख रुपए होगी। इसमें से एससी-एसटी के किसानों के लिए 75% राशि सरकार भरेगी और शेष 25% राशि किसान भरेगा।

भैंस मरने पर दूसरी दी जाएगी
तीन साल में अगर भैंस मरती है तो दूसरी दी जाएगी। भैंसों को गर्भवती करने के लिए सेक्स सार्टेड सीमन का उपयोग किया जाएगा। जो मुर्रा बुल का ही होगा और इसकी खास बात ये होगी कि इसके माध्यम से फीमेल भैंस ही पैदा होंगी। जिससे किसान को फायदा होगा और उसकी एक छोटी सी डेयरी बन जाएगी।

एक प्रेग्नेंट और दूसरी बच्चे के साथ होगी
इस स्कीम में दो भैंस दीं जायेगीं जिसमें एक प्रेग्नेंट और दूसरी बच्चे के साथ होगी। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि दूध का चक्र सही से चलता रहे और किसान की आय बनी रहे।

चारा और बीमा भी साथ मिलेगा
मप्र पशुधन विकास निगम के एमडी डॉ. एचबीएस भदौरिया ने बताया कि भैंस खरीदने वाले किसानों को भैंस को खिलाने के लिए छह महीने का दाना-चारा भी मिलेगा, ताकि उसे किसी तरह की समस्या न हो।

स्कीम में भैंस बीमा, ट्रांसपोर्ट और चारा भी शामिल 
भदौरिया ने बताया कि दो भैंसे ढाई लाख रुपए में आएंगी. इस स्कीम में भैंस बीमा, ट्रांसपोर्ट और चारा भी शामिल है। ढाई लाख में से किसान को केवल 62,500 रुपए देने होंगे. शेष 1,87,500 रुपए की सब्सिडी मिलेगी. इससे दूध उत्पादक किसानों की आय बढ़ेगी। वे इसका घी-दूध बेच सकेंगे. संभावना है कि, प्रदेश के तीन जिलों में ये प्रोजेक्ट अगस्त 2022 से शुरू हो जाएगा।

भदावरी नस्ल मध्य प्रदेश की मूल नस्ल 
मध्य प्रदेश भैंस में सबसे अधिक किसान भदावरी नस्ल की भैंस पालते हैं, यह यहां की मूल नस्ल है। दूसरे नंबर पर यहां पर मुर्रा नस्ल की भैंस ही हैं। इसके साथ ही यहां के कुछ इलाकों में जाफराबादी और मेहसाणा नस्ल की भी भैंसे पाली जाती हैं।

20वीं पशुधन गणना के आधार पर नस्ल के अनुसार पशुधन और पोल्ट्री रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में भदावरी नस्ल की 202556 भैंस हैं, जबकि मुर्रा नस्ल की 2,875,686 भैंस हैं। इसके साथ ही जाफराबादी नस्ल की 10,197 और मेहसाणा नस्ल की 387 भैंस हैं।

मुर्रा नस्ल की भैंस बड़ी प्राइवेट डेयरियों तक सीमित 
"अभी तक प्रदेश में ज्यादातर जो भी मुर्रा नस्ल की भैंस हैं, वो बड़ी प्राइवेट डेयरियों की हैं, लेकिन इस योजना से छोटे पशुपालकों को मुर्रा भैंस पालने का मौका मिलेगा, "डॉ. भदौरिया ने बताया।

देश में भैंसों की आबादी 109.9 मिलियन 
20वीं पशुगणना के अनुसार, देश में भैंसों की आबादी 109.9 मिलियन है, जबकि अगर प्रदेश के हिसाब से बात करें तो सबसे अधिक भैंसों की संख्या उत्तर प्रदेश में है, उसके बाद राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और बिहार जैसे प्रदेश आते हैं।
केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान के अनुसार देश में भैंसों की मुर्रा, नीलीरावी, जाफराबादी, नागपुरी, पंढरपुरी, बन्नी, भदावरी, चिल्का, मेहसाणा, सुर्ती, तोड़ा, स्वैंप, तराई, जेरंगी, कालाहांडी, परालखेमुंडी, मंडल/गंजम, मराठवाड़ी, देशिला, असामी/मंगूस, संभलपुरी, कुट्टांड, धारावी, साउथ कन्नारा, सिकामीस और गोदावरी जैसी 26 तरह की नस्लें हैं। इनमें से 12 नस्ल की भैंसें रजिस्टर्ड नस्लें हैं, जोकि ज्यादा दूध देती हैं। इनमें मुर्रा, नीलीरावी, जाफराबादी, नागपुरी, पंढरपुरी, बन्नी, भदावरी, चिल्का, मेहसाणा, सुर्ती, तोड़ा, जैसी भैंस शामिल हैं।

रोजाना 15-20 लीटर दूध देती है ऐसी भैंस
एक मुर्रा भैंस अमूमन 12 से 15 लीटर दूध रोजाना देती है। दोनों टाइम को मिला लें तो ये भैंसें 20 लीटर से भी ज्यादा दूध दे देती हैं। अब तक हरियाणा में भैंस और भैंसा के कई रिकॉर्ड्स बन चुके हैं।