शहडोल के किसान अब करेंगे स्ट्रॉबेरी, किनोवा व गुलाब की खेती

शहडोल के किसान अब करेंगे स्ट्रॉबेरी, किनोवा व गुलाब की खेती

gopal das bansal
शहडोल। जिले में अब गेंदा, स्ट्रॉबेरी, गुलाब, किनोवा, टमाटर और लेमन ग्रास की खेती का नवाचार किया जाएगा। कलेक्ट्रेट में आयोजित एपीसी की बैठक में कलेक्टर व अधिकारियों ने रणनीति तैयार की। कलेक्टर ने कहा कि खेती के लिए कृषि विभाग के अधिकारी तथा मैदानी अमला किसानों को प्रेरित करें। 

कृषि विभाग घर-घर जाकर संचालित योजनाओं की जानकारी दे
कृषि विभाग का अमला किसानों को घर-घर जाकर कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दें तथा इनकी खेती से होने वाले लाभ के संबंध में किसानों को जानकारी दें। जिससे जिले को प्रदेश स्तर में अग्रणी बनाया जा सकें। इस दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को गेंदा और गुलाब की खेती के लिए ज्यादा प्रोत्साहित करें, जिसके कारण कृषक बाजार में फूलों की बिक्री कर अधिक से अधिक आय अर्जित कर सकेंगे। गेंदे की खेती में फूल के साथ-साथ पत्तियों का भी बाजार में अच्छा मूल्य मिलता है। पत्तियों से मेडिसिन तैयार होती है, इसलिए गेंदे की पत्तियां आसानी से बाजार में बिक सकता है, जिससे किसानों को दोगुना लाभ अर्जित होगा। 

गेंदा एवं गुलाब की खेती के लिए किसान व जगह चिन्हित करने के निर्देश 
बैठक में कलेक्टर ने गेंदा एवं गुलाब की खेती के लिए किसान व जगह चिन्हित करने के निर्देश उपसंचालक कृषि को दिए। कलेक्टर ने कहा कि यह हमारा नवाचार एक सार्थक प्रयास होगा कि किसान रवि एवं खरीफ की फसल के अलावा अन्य फसल के प्रति भी जागरूक हो सके तथा आमदनी बढ़ सके। उन्होंने कहा कि मेरा संकल्प है कि जिले को प्रदेश में एक अलग पहचान दिलाना, के लिए यह नवाचार आवश्यक है। 

टमाटर की खेती भी अधिक से अधिक करवाया जाए
कलेक्टर ने कहा कि टमाटर की खेती भी अपने जिले में किसानों के द्वारा अधिक से अधिक करवाया जाए, जिससे महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से टोमेटो कैचप के लिए प्लांट डाल सकें, इससे भी किसानों एवं महिला स्व सहायता समूह के सदस्यों की आमदनी में इजाफा हो सकेगा। एक जिला एक उत्पादज्ज् के अंतर्गत हल्दी उत्पादन की भी समीक्षा की तथा सहायक संचालक उद्यान को निर्देशित किया कि अधिक से अधिक मात्रा में हल्दी का उत्पादन किया जाए। इन्हें विक्रय करने के लिए प्रक्रिया की जाएं। 

पौध उत्पादन में प्रगति लाने के निर्देश 
इस दौरान कलेक्टर ने मनरेगा अंतर्गत नर्सरिया, फर्म की अधोसंरचना एवं पौध उत्पादन प्रगति की समीक्षा की। पौध उत्पादन कम पाया गया, जिसमें कलेक्टर ने प्रगति लाने के निर्देश सहायक संचालक उद्यान को दिए। बैठक में कलेक्टर ने खाद उर्वरक की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को आवश्यकतानुसार रासायनिक उर्वरक प्रदाय किया जाए। बैठक में कलेक्टर ने फर्टिलाइजर उर्वरक के उपयोगिता के संबंध में कृषि विभाग के अधिकारियों से जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि किसानों को उर्वरक पीओएस मशीन के माध्यम से ही प्रदाय किया जाए इसकी कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए।