अब मप्र में पैदा होंगी 90 प्रतिशत बछिया

अब मप्र में पैदा होंगी 90 प्रतिशत बछिया

अब भोपाल में देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमन प्रयोगशाला 

सीएम ने किया डिजिटली लोकार्पण

प्रदेश के कृषि उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचाएंगे 

985- सामुदायिक गौशालाओं का लोकार्पण
145- सामुदायिक गौशालाओं का शिलान्यास
1821- पशु आश्रयों का किया गया श्रीगणेश
2632- पशु आश्रयों का भी किया शिलान्यास

अरविंद मिश्र
भोपाल, देश की दूसरी बड़ी प्रयोगशाला केंद्रीय वीर्य संस्थान भोपाल के भदभदा में स्थापित की गई है। 47 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से स्थापित होने वाली इस परियोजना की लागत में 60 फीसदी केंद्रांश और 40 प्रतिशत राज्यांश शामिल है। हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत अत्याधुनिक सेक्स सॉरटेड सीमन प्रोडक्शन प्रयोगशाला का डिजीटली लोकार्पण किया है। इस दौरान ग्राम पंचायतों में 260 करोड़ की लागत से बनी 985 सामुदायिक गौ-शालाओं का लोकार्पण और 50 करोड़ रुपएसे बनने जा रहीं 145 सामुदायिक गौ शालाओं का शिलान्यास भी किया गया। भोपाल के केन्द्रीय वीर्य संस्थान में सेक्स सॉरटेड सीमन फेसिलिटी परियोजना में निकट भविष्य में प्रदेश में गिर, साहीवाल, थारपारकर गाय और मुर्रा भैंसों आदि उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की 90 फीसदी बछिया ही पैदा होंगी। बछियों की संख्या अधिक होने से दूध उत्पादन में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी होगी और निराश्रित बछड़ों की संख्या भी नहीं बढ़ेगी। साथ ही उच्च गुणवत्ता के दुधारू पशु मिलने से किसानों को अधिक मात्रा में दूध मिलेगा और उनकी आमदनी में भी उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी होगी। दुग्ध उत्पादन में प्रदेश की सर्वोच्च शिखर पर पहुंचने की रफ्तार बढ़ जाएगी। पहली प्रयोगशाला उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थापित की गई है। मध्यप्रदेश राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम और सर्विस प्रोवाइडर कम्पनी के मध्य हुए अनुबंध के अनुसार शुरू के तीन सालों में क्रमश: 3-3 और दो लाख सीमन डोजेज का उत्पादन कर पशुपालकों को उपलब्ध कराया जाएगा।

लिखेंगे पशुपालन का न्याय अध्याय

मुख्यमंत्री ने कहा है कि सीमन प्रयोगशाला, किसान उत्पादक संगठन, एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम, मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना, मवेशियों के लिए यूनिक आईडी जैसी गतिविधियां प्रदेश में कृषि और पशुपालन का नया अध्याय लिखेंगी।

पशुओं को यूनिक आईडी देने में मप्र नंबर वन: राज्य के मवेशियों का भी अब यूनिक आईडी होगा। योजना के तहत गौ-भैंस वंशीय पशुओं के कान में टैग लगाया जा रहा है। टैग पर बारह अंकों का आधार नंबर अंकित है। जिसे इनॉफ साफ्टवेयर में अपडेट किया जा रहा है। साफ्टवेयर में मवेशियों का लेखा जोखा होगा। जो ऑनलाईन भी उपलब्ध होगा। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 45 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।

इनका कहना है
राज्य सरकार किसान की आय को दोगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खेती-पशुपालन- उद्यानिकी- मछली पालन- सहकारिता को समग्रता में लेकर फसलों के विविधीकरण, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और सही मार्केटिंग से हमारे प्रदेश के उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचाएंगे। मिशन अर्थ के अंतर्गत भदभदा भोपाल में 47 करोड़ 50 लाख की लागत से देश की दूसरी अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का लोकार्पण किया है।
शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री