भोपाल: देश का सबसे पहला ड्रोन स्कूल भोपाल में खुल रहा है और इस स्कूल की फीस मात्र 30 हजार रूपये रहेगी, जो कि न्यूनतम है जबकि आमतौर पर ड्रोन पायलेट के प्रशिक्षण की फीस औसतन 60 हजार रूपये है।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने ‘ड्रोन स्कूल और ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिये देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश के चयन के लिये केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के प्रारंभ होने से किसानों का निश्चित ही कौशल उन्नयन होगा। उन्हें बेहतर जानकारियाँ और बेहतर प्रशिक्षण मिलेगा, जिसका लाभ सभी को होगा। श्री पटेल कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल में कस्टम हायरिंग केन्द्रों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
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कस्टम हायरिंग सेंटर के लोग ड्रोन का उपयोग करें: अजीत केसरी
अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी ने कहा कि प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण में संस्थानों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करायेंगे। श्री केसरी ने कहा कि तकनीकी रूप से सक्षम व्यक्ति बेहतर तरीके से कार्य कर सकता है। इसके लिए कस्टम हायरिंग सेंटर के लोग ड्रोन का उपयोग करें। लेकिन इसके लिए प्रशिक्षण जरूरी है।
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इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी अमेठी के निदेशक कृष्णेन्दु गुप्ता के साथ एमओयू साइन
संचालक कृषि अभियांत्रिकी मध्यप्रदेश राजीव चौधरी ने बताया कि सम्मेलन में ड्रोन स्कूल की स्थापना के लिये निदेशक इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी अमेठी के निदेशक कृष्णेन्दु गुप्ता के साथ एमओयू साइन किया। श्री चौधरी ने बताया कि एक और एमओयू एग्रीकल्चर स्किल कॉउंसिल ऑफ इंडिया, कौशल विकास मंत्रालय के सीईओ सत्येन्द्र आर्य के साथ ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंसÓ की स्थापना के लिये भी साइन किया गया है।
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पायलट प्रशिक्षण के लिए किसान को 15 हजार रु. अनुदान
इस सेंटर में कृषि यंत्रीकरण के क्षेत्र में युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों से संबंधित विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जायेंगे। श्री चौधरी ने बताया कि ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए किसान को 15 हजार रु. के साथ जीएसटी भी देना होगा तथा सरकार 15 हजार रु. अनुदान देगी। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग की अवधि 10 दिन की होगी। जिसमें आवासीय एवं भोजन व्यवस्था शासन करेगा। प्रशिक्षण के लिए योग्यता 10वीं पास एवं पासपोर्ट अनिवार्य होगा।
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कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के निदेशक डॉ. सीआर मेहता ने अतिथियों का स्वागत कर संस्थान एवं उसमें विकसित किये गये यंत्रों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। सम्मेलन में अभियांत्रिकी संचालनालय के संयुक्त संचालक पवन सिंह श्याम, कृषि यंत्री अनिल कुमार पोरवाल, सहायक कृषि यंत्री एमडी डैनी एवं अभिषेक दीक्षित सहित कस्टम हायरिंग सेंटर, यंत्रदूत ग्राम के कृषकगण उपस्थित थे।