कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कैसे करें प्राकृतिक खेती
बैतूल, कृषि विज्ञान केन्द्र, बैतूल में आज दिनांक 12/01/2023 को प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने हेतु जिले के सभी 10 विकासखंडों के 280 कृषकों, कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग के सभी मैदानी अधिकारियों एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के बीच एक परिचर्चा का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में विषिष्ट अतिथि के रूप में डाॅ. व्ही.के. पराडकर, अधिष्ठाता उद्यानिकी महाविद्यालय, छिंदवाड़ा शामिल हुए। डाॅ. पराडकर द्वारा कृषकों से आह्वान किया गया कि प्राकृतिक कृषि करने हेतु गौवंष का पालन एवं संकर प्रजातियों के स्थान उन्नत बायोफोर्टीफाइड प्रजातियों को लगाएं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री महेष्वर सिंह चंदेल, अध्यक्ष किसान मोर्चा के साथ अन्य स्थानीय गणमान्य जनप्रतिनिधि भी शामिल हुए। श्री चंदेल द्वारा कृषकों से निवेदन किया गया कि वे वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए दिषा निर्देषों का पालन करें जिससे सभी को लाभ मिल सके।
प्राकृतिक कृषि प्रदर्षनों के लाभार्थी कृषकों को विभिन्न जैव घटक बनाने हेतु प्लास्टिक के 200 लीटर क्षमता के ड्रम माननीय अतिथियों के द्वारा प्रदान किए गए।
कार्यक्रम के आरंभ में केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक डाॅ. व्ही.के. वर्मा द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया एवं प्राकृतिक कृषि के महत्व को रेखांकित किया।
केन्द्र की शस्य वैज्ञानिक डाॅ. मेघा दुबे द्वारा प्राकृतिक कृषि के विभिन्न आयामों पर कृषकों को प्रषिक्षण दिया गया तथा सजीव प्रदर्षनी का अवलोकन कराया गया। शैक्षणिक प्रक्षेत्र पर प्राकृतिक कृषि के प्रदर्षन भूखंडों का भ्रमण वैज्ञानिक आर.डी. बारपेटे द्वारा कराया गया तथा कार्यक्रम का संचालन डाॅ. एम.पी. इंगले, खाद्य विषेषज्ञ द्वारा किया गया।