श्योपुर का अमरूद विदेशों में भरेगा उड़ान  

श्योपुर का अमरूद विदेशों में भरेगा उड़ान  

जिले के अमरूद का स्वाद विदेशों व हवाई सफर में भी ले सकेंगे

अब पल्प और जूस निकालने जर्मनी से मध्यप्रदेश आएगी मशीन 

मप्र स्थापना दिवस पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करने की तैयारी

अमरूद के पल्प के साथ जैली व पाउडर भी किया  जाएगा तैयार

niraj sharma
श्योपुर, देशभर में कुपोषण के बदनाम मप्र का आदिवासी बहुल जिला श्योपुर के अमरूद का स्वाद विदेशों और हवाई सफर में भी ले सकेंगे। एक जिला-एक उत्पाद के तहत चुने गए अमरूद के उत्पादन को देखते हुए प्रशासन इसका पल्प, जूस और जैली बनाने के लिए फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा रहा है। पल्प (गूदा) निकालने वाली मशीन जर्मनी से आएगी। जिले की मिट्टी और वातावरण अमरूद की खेती के लिए मुफीद है। 

जिले में अब तक 2820 किसान 1200 हेक्टेयर में अमरूद का उत्पादन कर रहे थे, लेकिन इस साल 5 हजार किसानों को अमरूद का बाग लगाने के लिए तैयार किया गया है। जिले में अमरूद का पल्प निकालने के लिए अभी इसे छीलकर व टुकड़ों में काटकर बहुत कम पानी के साथ एक मिक्सर में ब्लेंड किया जाता है। जर्मनी से मशीन लाने के लिए आजीविका मिशन ने मां रेवा वैदिक फूड कंपनी से अनुबंध किया है। कपंनी अमरूद के पल्प, जूस और जैली को देश और विदेश में सप्लाई करने लायक बनाने के लिए शुरुआत में टेक्निकल और मार्केटिंग की मदद करेगी। 

यूनिट को शुरू करने का प्रयास

अमरूद की फूड प्रोसेसिंग यूनिट शुरू कराने के लिए 2 अक्टूबर को मां रेवा वैदिक फूड कंपनी के फाउंडर वारूस सिंह श्योपुर आए थे। मशीन लगाने के लिए शिवपुरी रोड स्थित बीआरसी भवन का निरीक्षण भी किया। प्रशासन हर हाल में यूनिट 1 नवंबर को मप्र स्थापना दिवस पर चालू करने का प्रयास कर रहा है।

30 लाख से तैयार होगी यूनिट

यूनिट तैयार करने की लागत करीब 30 लाख रुपये है। इन आधुनिक मशीनों से अमरूद का पल्प, जैली, जूस के साथ सूखा पाउडर भी तैयार किया जाएगा। जिसे लंबे समय तक स्टोर कर रखा जा सके। यूनिट में ट्रेंड फूड न्यूट्रिशियन (वैज्ञानिक)भी रखा जाएगा, जो पूरी टेस्टिंग कर स्वाद और बेहतर गुणवत्ता के प्रोडेक्ट तैयार करवा सके। यह काम आदिवासी महिलाएं फूड न्यूट्रीशियन की देखरेख में करेंगी।

किस तरह अमरूद के पल्प, जैली, जूस और पाउडर को विश्व स्तरीय बनाया जा सके इसके लिए मां रेवा वैदिक फूड कंपनी की मदद ले रहे हैं। कंपनी फूड प्रोडक्ट को यूरोप, यूएस, हांकगांग सहित अन्य देशों में सप्लाई करती है। पल्प और जूस को देश में एयरलाइन में सप्लाई करने के लिए कृषि केंद्र मंत्री नरेंद ्रसिंह तोमर से चर्चा हुई है। उन्होंने कहा है कि इस संबंध में वह केंद्रीय उडडयन मंत्री ज्योरादित्य सिंधिया से चर्चा करेंगे। विदेश में सप्लाई करने के लिए मां रेवा वैदिक फूड कंपनी मदद करेगी यूनिट में 200, 500, 1 लीटर और 5 लीटर के जार और पाउच मेें पैकिंग की जाएगी।
शिवम वर्मा, कलेक्टर, श्योपुर

जिले में वैसे तो अमरूद की किस्म बर्फानी गोला, इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ 49, ग्वालियर-27 का उत्पादन हो रहा है, लेकिन प्रशासन थाई अमरूद के बाग तैयार करवा रहा है। थाई अमरूद के पौधे की खासियत है, कि इसे हल्की व पथरीली सफेद मिट्टी में भी लगाया जा सकता है। पौध लगाने के बाद इसके रखरखाव का खर्च भी बेहत कम है। इस अमरूद का उत्पादन 12 माह में शुरू हो जाता है। थाई अमरूद में फाइबर, विटामिन सी और फोलिक एसिड भरपूर होता है।
डॉ. एसके मुदगल, डीपीएम
आजीविका मिशन