दुग्ध संघ 50 से 70 रुपये प्रति किलो खरीद रहा है बकरी का दूध

दुग्ध संघ 50 से 70 रुपये प्रति किलो खरीद रहा है बकरी का दूध

भोपाल, देश में बकरी पालन किसानों के लिए अतिरिक्त आय का एक जरिया होने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन का एक अच्छा स्त्रोत है । जहाँ बकरी पालन में लागत कम आती है वहीँ इससे अच्छी आय भी होती है। बकरी का दूध स्वास्थ्यवर्धक और सुपाच्य होने के कारण इसकी मांग बढ़ी है।  मध्यप्रदेश में इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा बकरी का दूध खरीदा जा रहा है साथ ही इसकी बिक्री के लिए इसे पार्लरों पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे बकरी पालकों की आय में वृद्धि होगी। 

बड़वानी से बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल 15 नवम्बर को बड़वानी के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बकरी दूध विक्रय का शुभारंभ किया । बड़वानी के साईनाथ बी कालोनी में सोमवार को आयोजित इस कार्यक्रम में उपस्थितों को सम्बोधित करते हुये पशु पालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि बकरी के दूध की उपयोगिता को देखते हुये इसे दुग्ध संघ के माध्यम से प्रदेश में विक्रय का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। इससे जहॉ लोगो को सरलता से मानक स्तर का बकरी दूध निर्धारित मूल्य पर मिलने लगेगा, वहीं बकरी पालन करने  वाले जनजातीय भाईयों को भी नया रोजगार उपलब्ध होगा और वे अपने बकरी पालन के परम्परागत व्यवसाय को और बेहतर तरीके से करने लगेंगे। 

बकरी दूध विक्रय की शुरूआत जबलपुर और इंदौर के जनजाति बहुल जिलों से एकत्र दूध से होगी। इंदौर संभाग के धार, झाबुआ, बड़वानी और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट जिलों के जनजातियों से 50 से 70 रूपये प्रति किलो की दर से बकरी का दूध इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है।

200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रूपए की दर पर मिलेगा

इस दौरान दुग्ध संघ इन्दौर के पदाधिकारियों ने बताया कि बकरी दूध विक्रय की शुरूआत जबलपुर और इंदौर संभाग के आदिवासी बहुल जिलों से एकत्र दूध से होगी। इंदौर संभाग के बड़वानी, धार, झाबुआ और जबलपुर संभाग के सिवनी, बालाघाट जिलों के आदिवासियों से 50 से 70 रूपये प्रति किलो की दर से दूध, इंदौर एवं जबलपुर दुग्ध संघ द्वारा खरीदा जा रहा है। दुग्ध संघ के पार्लर में 200 एमएल की बॉटल में अधिकतम 30 रूपए की दर से यह दूध वर्तमान में जबलपुर और इंदौर दुग्ध संघ के पार्लरों पर उपलब्ध होगा।

पौष्टिक खनिज तत्वों से भरपूर होता है बकरी दूध

बकरी का दूध पौष्टिक खनिज तत्वों से भरपूर होता है। कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, वसा, विटामिन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, तांबा, जिंक आदि का उत्तम स्त्रोत होने से यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। वसा के कण अन्य दूध की तुलना में छोटे होने से जल्दी एवं आसानी से पच जाता है। दैनिक अनुसंशित मूल्य का 33 प्रतिशत कैल्शियम शरीर को प्रदाय कर हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है। बकरी के दूध में मध्यम श्रेणी का फैटी एसिड होने से यह शरीर को अधिक ऊर्जा देने के बावजूद चर्बी के रूप में जमा नहीं होता। इससे वजन नियंत्रित रहता है। आँतों के विकार और कोरोनरी रोग के इलाज में भी सहायक है।

हृदय को कोरोनरी बीमारी से बचाने में प्रभावी 

बकरी का दूध शरीर में अच्छे कोलेस्टॉल के स्तर को बढ़ाकर खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है। हृदय को कोरोनरी बीमारी से बचाने में प्रभावी है। बकरी का दूध चयापचय (मेटाबॉलिक) एजेंट होने से कॉपर और आयरन को भी मेटाबोलास कर सकता है। पाचन और कब्ज की समस्या और सूजन दूर करने में भी सहायक है। बकरी के दूध में उपलब्ध वसा एवं ट्राइग्लेसराइडस् मानव त्वचा में निखार लाते हैं। त्वचा को नर्म एवं स्वस्थ रखता है। इसमें मौजूद विटामिन-‘A’ चेहरे के कील-मुँहासे को दूर कर रंग में निखार लाता है।

प्लेटलेटस् को नियंत्रित कर डेंगू से सुरक्षा प्रदान करता है बकरी का दूध

बकरी का दूध रक्त में प्लेटलेटस् को नियंत्रित कर डेंगू से सुरक्षा करता है। लेक्टोज इन्टोलरेंट लोगों के लिये बकरी का दूध एक अच्छा विकल्प है। जिन लोगों को दुग्ध शर्करा से एलर्जी है, उनके लिये बकरी का दूध अच्छा विकल्प है। बकरी के दूध में अधिकतर A-2 नामक प्रोटीन होता है, जो एलर्जिक नहीं होता और कोलाइटिस, चिड़चिड़ापन एवं आंतों के सिंड्रोम आदि से सुरक्षा करता है। बकरी का दूध अस्थिक्षय को भी रोकता है।