कृषि विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक परामर्श दात्री समिति की बैठक, रवि की प्रगति का किया प्रस्तुतीकरण
किसानों को दिया सुझाव
सागर, आज दिनांक 23 जून 2018 को कृषि विज्ञान केंद्र सागर एवं कृषि विज्ञान केंद्र बिजावर की वैज्ञानिक परामर्श दात्री समिति की बैठक डॉक्टर डीपी शर्मा संचालक विस्तार सेवाएं जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस अवसर पर डॉक्टर के एस यादव वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केंद्र सागर ने विभिन्न गतिविधियों पर 20 एवं 20-21 की प्रगति प्रतिवेदन तथा 20-22 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया।
कृषि विज्ञान केंद्र बिजोरा की प्रस्तुति के पश्चात कृषि विज्ञान केंद्र सागर विजयवाड़ा के प्रभारी डॉ एके त्रिपाठी ने केंद्र की गतिविधियों पर एवं 2020-21 रवि की प्रगति प्रतिवेदन तथा 2021-22 की कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण किया। ऑनलाइन बैठक में विशिष्ट अतिथि के तौर पर कृषि विज्ञान केंद्र सागर में डॉक्टर एमपी दुबे एवं केंद्र के अन्य वैज्ञानिक डॉ डीपी सिंह डॉक्टर ममता सिंह डॉक्टर वैशाली शर्मा एवं श्री योगेंद्र आदि उपस्थित रहे ।
ऑनलाइन बैठक में श्री बी एल मालवीय उपसंचालक कृषि ,श्री सोमनाथ राय सहायक संचालक,सागर, झिला नर्सरी के प्रभारी एवम सहायक संचालक उद्यानिकी एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी ,श्री अनूप तिवारी एस आर एल एम से एवं प्रगतिशील कृषकों ने भाग लिया। डॉ डीपी शर्मा सर ने बताया कि कृषक महिलाओं को अधिक से अधिक प्रशिक्षण देकर पोषण वाटिका के महत्व एवं स्थापना करने हेतु प्रेरित करें। साथ ही उन्हें स्वावलंबी बनने हेतु प्रशिक्षण दिए जाए।
साथ ही डॉक्टर टीआर शर्मा प्रधान वैज्ञानिक ने सुझाव दिया कि कोई भी कार्यक्रम किसान की समस्या के अनुसार तय किया जावे एवं अधिक से अधिक किसानों को लाभ दिया जाए ।कार्यक्रम के अंत में डीपी सिंह पशुपालन के द्वारा आभार व्यक्त किया गया ।केंद्र की वैज्ञानिक डॉक्टर ममता सिंह एवम डॉक्टर वैशाली शर्मा का विशेष योगदान रहा। डॉ यादव ने बताया कि अब जिले में सोयाबीन एवम उर्द के अतिरिक्त अन्य फसलों जैसे मक्का, ज्वार, खरीफ पियाज, कम अवधि की धान की सीधी बुआई, फल बृक्षों के बीच मे अन्तरासस्यन आदि अपनाना चाहिए।
अंत मे संचालक विस्तार सेवाएं डॉ दिनकर शर्मा जी द्वारा सागर में दोनों के वी के , की कार्यो की सराहना भी की एवम सुझाव दिए कि दोनों के वी के अपने अपने क्षेत्रों में सभी ब्लॉक में अधिक से अधिक नई -नई तकनिक को जिले में किसानों को विभिन्न विभागों के माध्यम से पहुचाने का कार्य करे।