जानिए सरसो की उन्नतशील किस्मों के बारे में, जो अच्छी पैदावार के साथ दिलाएंगी आच्छा मुनाफा

जानिए सरसो की उन्नतशील किस्मों के बारे में, जो अच्छी पैदावार के साथ दिलाएंगी आच्छा मुनाफा

ग्वालियर, देश में किसान बडी संख्या में सरसो की खेती करते हैं। अगर किसान सरसों की सही किस्म का चुनाव करें तो उन्हें अच्छी पैदावार के साथ अच्छा मुनाफ़ा भी मिल सकता है। ये क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका अदा करता है। 

सरसों की बुवाई का सीजन शुरू हो गया है। अब किसान भाई रबी सीजन में सरसों की बुवाई शुरू करेंगे। यहां आपको कम समय और सिंचाई में अधिक पैदावार देने वाली सरसों की उन्नत किस्मों की जानकारी दी गई है।  सरसों की इन उन्नत किस्मों में औसत उपज 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहती है। 

सरसों की उन्नतशील किस्में  
कृषि विज्ञान केन्द्र के ग्वालियर प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ राज सिंह कुशवाह के अनुसार RH -725, RH - 749 एवं गिर्राज ये तीनों किस्में उपयुक्त है। लगभग 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता है। रोगों के प्रति सहनशील हैं। बुवाई के पूर्व बीज को उपचारित अवश्य करें।

सरसों फसल में आवश्यक ऊर्वरकों की मात्रा
सिंचित :- 80किलो नत्रजन,40 किलो स्फुर ,20 किलो पोटाश साथ ही 8 से 10 टन पकी हुई गोबर की खाद‌ प्रति हेक्टेयर देना चाहिए। सिफारिश के अनुसार तत्वों की पूर्ति हेतु खाद समूह एवं उनकी मात्रा किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर:--- समूह -1:- यूरिया-  175 किलो, सिंगल सुपर फास्फेट-250 किलो, पोटाश- 33 किलो, समूह - 2:-- डी ए पी -87 किलो, यूरिया -140 किलो, पोटाश -33 किलो, समूह -3:--- एन पी के -125 किलो, यूरिया -140 किलो, पोटाश -निल प्रति हेक्टेयर के हिसाब से उपयोग करें। 1 हेक्टेयर 5 बीघा का होता है।ऊपर दी गई मात्राओं का 5 में भाग देकर एक बीघा की डोज निकाल सकते हैं।

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