विश्व खाद्य दिवस पर किसानों को बताया पोषण वाटिका से कैसे दूर करें कुपोषण

टीकमगढ़, कृषि विज्ञान केन्द्र टीकमगढ़ (म.प्र.) द्वारा ग्राम नारायणपुरा में विष्व खाद्य दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा. बी. एस. किरार के साथ ही केन्द्र के वैज्ञानिक डा. आर. के. प्रजापति, डा. एस. के. सिंह, डा. यू. एस. धाकड़ डा. एस. के. जाटव, डा. आई. डी. सिंह, हंसनाथ खान एवं जयपाल छिगारहा की भी उपस्थिति रही । डा. किरार द्वारा विष्व खाद्य दिवस के उपलक्ष्य में किसानो को इसकी महत्व एवं उपयोगिता के बारे में विषेष जानकारी के साथ ही प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया ।
रबी की खेती की तैयारी कैसे करें
केन्द्र के वैज्ञानिक डा. एस. के. सिंह द्वारा किसानो को पोषण वाटिका बनाकर पूरे वर्षभर सब्जियां उगाकर कुपोषण को दूर किया जा सकता है इसकी बारे में जानकारी दी गई । वैज्ञानिक डा. यू. एस. धाकड़ द्वारा किसानो को रबी की खेती की तैयारी कैसे करें इसके बारे चर्चा की गई। केन्द्र के वैज्ञानिक डा. एस. के. जाटव द्वारा रबी मौसम में लगने वाली फसल चना की प्रमुख किस्म जैसे जे.जी.-12, आर. व्ही.जी. 202, जे.जी.-36 एवं आई. पी. सी. 2006-77, मटर की किस्मे आई.पी.एफ. डी 12-2, आई.पी.एफ. डी 12-12, आई.पी.एफ. डी 10-12, गेंहू की किस्म एच. आई. 1634, एच. आई. 1544, जी डब्ल्यू -322, जी डब्ल्यू -273 आदि किस्मो के बारे में विस्तार पूर्वक समझाया गया । इस कार्यक्रम में महिला किसान एवं प्रगतिषील किसानो द्वारा भाग लिया गया । कार्यक्रम में मंजरी फाऊडेंषन की महत्वपूर्ण भूमिका रही ।