हरदा में मूंग की खेती कर मालामाल हो रहे किसान, आर्थिक स्थिति सुधरी

हरदा में मूंग की खेती कर मालामाल हो रहे किसान, आर्थिक स्थिति सुधरी

पीएम नरेंद्र मोदी ने माना-तबा बांध के कारण मूंग की फसल से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरी

वर्ष 2023-24 में बोवनी का रकबा एक लाख 45 हजार हेक्टेयर 

भोपाल। अब मप्र के किसानों ने बदलते परिवेश के साथ बदलना सीख लिया है। इससे लाभ भी अच्छा मिलने लगा है। इसी क्रम में मूंग की खेती कर किसान खुशहाल तो हैं साथ ही मालामाल भी हो रहे हैं। सिंचाई के संसाधनों वाले किसान खरीफ की फसल धान के बाद रबी की फसल चना, मसूर, मटर, तीसी सरसों आदि के बाद मूंग की खेती कर रहे हैं। बगैर खाद के पानी के सहारे एक वर्ष में तीसरी फसल भी तैयार हो जा रही है और धान की रोपाई के समय तक तैयार खेत खाली हो जाता है। इससे दालहनी फसल का अच्छा मुनाफा मिलता है। हरदा जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग फसल को एक हरित क्रांति की तरह देखा जा रहा है। पिछले चार साल में मूंग फसल की पैदावार लेकर जिले के किसान समृद्ध हुए हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा योगदान तवा बांध है।

हरदा जिले में पिछले चार सालों में समर्थन मूल्य व जिले की हरदा, खिरकिया, टिमरनी व सिराली मंडियों में करीब पांच हजार करोड़ की मूंग उपज बिकी है। वर्ष 2020-21 में एक लाख 25 हजार 500 हेक्टेयर में मूंग की बोवनी की गई थी। इस वर्ष 2023-24 में बोवनी का रकबा एक लाख 45 हजार हेक्टेयर है। जब से मूंग की बोवनी शुरू हुई है, किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इससे किसानों के जीवन स्तर में सुधार हो रहा है। इसके साथ ही अब मूंग की एंट्री राजनीति में भी हो चुकी है। अब इसकी हर जगह तारीफ भी हो रही है। हरदा में जन आशीर्वाद रैली को संबोधित करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद हरदा, नर्मदापुरम और बैतूल में की जाने वाली मूंग की खेती की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने संबोधन में कहा था कि मूंग फसल से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरी है। नर्मदापुरम व हरदा में चारों ओर मूंग ही मूंग फसल दिखई देती है। उन्होंने इसका श्रेय तवा बांध को भी दिया था।

हर साल बढ़ रहा रकबा

मप्र में साल दर साल मूंग बोवनी का रकबा बढ़ रहा है। उपसंचालक कृषि हरदा संजय यादव का कहना है कि हरदा जिले में भी मूंग बोवनी का रकबा बढ़ा है। मूंग की बोवनी के बाद किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। इस वर्ष एक लाख 45 हजार हेक्टेयर रकबे में मूंग की बोवनी प्रस्तावित है। वर्ष 2020-21 में एक लाख 25 हजार हेक्टेयर में मूंग की बोवनी हुई। जिले की सोसाटियों में 196 हजार रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य पर 68 हजार 209 मीट्रिक टन मूंग की बिक्री हुई। करीब 491 करोड़ की मूंग बिकी। वर्ष 2021-22 में इस साल रकबा बढकऱ 1 लाख 36 हजार 800 हेक्टेयर हो गया। सोसाइटियों में 88 हजार 961 मीट्रिक टन की बिक्री हुई। करीब 647 करोड़ की मूंग बिकी। वर्ष 2022-23 में फिर रकबा बढ़, जो 1 लाख 43 हजार 890 हेक्टेयर रहा। सोसाइटियों में 84 हजार 646 मीट्रिक टन बिक्री हुई। करीब 65 करोड़ 64 लाख की मूंग बिकी। वर्ष 2023-24 में एक लाख 45 हजार हेक्टेयर रकबे में मूंग की बोवनी प्रस्तावित है। डोमरी के किसान प्रवीण सारन का कहना है कि पिछले चार साल से मैं पंद्रह एकड़ में मूंग की बोवनी कर रहा हूं। मेरी आर्थिक स्थिति सुधरी है। रबी और ग्रीष्मकालीन फसलों का उत्पादन मिलने से किसानों का विकास भी हुआ है।

हर साल बढ़ रहे दाम

आदर्श कृषि उपज मंडी समिति हरदा के सचिव मोहन सिंह चौहान का कहना है कि जिले की चारों प्रमुख मंडियां हरदा, टिमरनी, खिरकिया और सिराली में पिछले चार साल में तीन हजार पांच सौ करोड़ से अधिक की मूंग उपज बिक्री हुई है। मंडियों में हर साल आवक बढऩे के साथ मूंग के भावों में भी बढ़ोतरी हुई है। जिले की मंडियों में वर्ष 2020-21 में मूंग का माडल भाव 6650 रुपए प्रति क्विंटल, आवक एक लाख 94 हजार मीट्रिक टन, बिक्री राशि 728 करोड़ की हुई। वर्ष 2021-22 में माडल भाव 6666 रुपए प्रति क्विंटल, आवक एक लाख 39 हजार मीट्रिक टन, बिक्री राशि 925 करोड़ की हुई। वर्ष 2022-23 में माडल भाव 6750 रुपए प्रति क्विंटल, आवक एक लाख 32 हजार मीट्रिक टन, बिक्री राशि 874 करोड़ की हुई। वर्ष 2023-24 में माडल भाव 7900 रुपए प्रति क्विंटल, आवक एक लाख 29 हजार मीट्रिक टन, बिक्री राशि 1 हजार 5 करोड़। अब माना जा रहा है कि किसानों की लगन और मेहनत से यह आंकड़ा बढ़ता ही जाएगा।

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