वाह रे सरकार... वादा किया किसानों की आय बढाने का, और दुगुना कर दिया खर्च
इफको ने की इन खाद के दामों में वृद्धि, जानिए क्या है नए दाम ?
भोपाल, सरकार लगातार किसानों की आय बढाने की बात कर रही है, लेकिन पिछले एक साल में डीजल, बिजली बिल और अब एनपीके खाद की मूल्य में हुई वृद्धि से तो एसा लगने लगा है कि सरकार किसानों की आय बढाने के बजाए व्यय दुगुना करने पर लगी हुई है। डीजल, पेट्रोल एवं कृषि लागत के बीच सिंचाई आदि की महंगाई से तबाह देश में बदहाली से जूझ रहे किसानों पर सरकार ने बर्बादी के लिए एक और निर्णय किया है। नाट्रोजन-फास्फोरस-पोटैशियम यानि एनपीके और गंधक यानि एनपी उर्वरकों की कीमत में इन्डियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव IFFCO ने 265 रुपये तक की वृद्धि की है। हाँलाकि पुराना स्टॉक पुरानी कीमत पर मिलेगा। नयी दरें 15 अक्टूबर से लागू हो गयी हैं। जिन बैग पर पुराने मूल्य दर्ज हैं, वे उन्हीं दरों पर बेचे जाएँगे। जिन बैग पर नये दर प्रिंट होंगे, वही नयी दरों पर बेचे जाएँगे। किसानों के लिए एक राहत की बात ये रही कि यूरिया व डीएपी के कीमत में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं की गई है।
देश में रबी फसलों की बुआई का काम शुरू होने के साथ ही उर्वरक की मांग बढ़ने लगी है। कई जगहों पर डीएपी एवं अन्य खादों की कमी के चलते किसान परेशान हैं। वहीँ अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे माल के दामों में वृद्धि के साथ भारत में भी उर्वरक की कीमतें बढ़ने लगी हैं।
दो तरह के एनपीके तैयार करता है इफको
आपको बता दें कि इफको, नाट्रोजन-फास्फोरस-पोटैशियम पोषक तत्वों के अनुपात के हिसाब से दो तरह के एनपीके तैयार करता है। 50 किलोग्राम बैग वाला एनपीके (10:26:26 अनुपात) वर्तमान में 1175 रुपये में मिल रहा है। इसकी कीमत बढ़ाकर 1440 रुपये कर दी गई है। इसी तरह एनपीके (12:32:16) वर्तमान में 1185 रुपये में मिल रहा है। इसकी कीमत बढ़ाकर 1450 रुपये कर दी गई है।
किस उर्वरक पर कितना मूल्य बढ़ाया गया है ?
एक तरफ नाईट्रोजन–फास्फोरस-पोटाश युक्त उर्वरक के मूल्य में 265 रूपये तक की वृद्धि की गई है | तो दूसरी तरफ नाईट्रोजन–फास्फोरस तथा गंधक युक्त उर्वरक में 70 रूपये प्रति बैग (50 किलोग्राम) तक की वृद्धि की गई है |
वर्तमान में एनपी उर्वरक की 50 किलोग्राम बैग की कीमत 1150 रूपये थी जिसे अब बढ़ाकर 1220 रूपये प्रति बैग कर दिया गया है |
IFFCO एनपीके पोषक तत्वों के अनुपात के हिसाब से दो तरह के एनपी के तैयार करता है | अभी 50 किलोग्राम वाला एनपीके (10:26:26 अनुपात) वर्तमान में 1175 रूपये में मिल रहा है इसकी कीमत बढ़ाकर 1440 रूपये कर दी गई है |
इसी तरह एनपीके (12:32:16) वर्तमान में 1185 रूपये प्रति बैग मिल रहा है जिसे बढ़ाकर 1450 रूपये प्रति बैग कर दिया गया है |
डीएपी के मूल्य में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं किया गया है | 50 किलोग्राम का पैकेट 1200 रूपये में ही दी जाएगी |
यूरिया के मूल्य में भी किसी प्रकार का वृद्धि नहीं किया गया है | 45 किलोग्राम का यूरिया 266.50 रूपये में दिया जाएगा |
उर्वरक के थोक मूल्य में भी की गई वृद्धि
IFFCO के उर्वरकों में खुदरा के साथ ही साथ थोक मूल्य में भी वृद्धि की गई है | जो इस प्रकार है :-
एनपीके (10:26:26) – यह उर्वरक पहले 23,500 रूपये प्रति मैट्रिक टन था जो बढ़ाकर 28,800 रूपये प्रति मैट्रिक टन हो गया है | 50 किलोग्राम के बैग में यह उर्वरक पहले 1175 रूपये था जो बढ़कर 1440 रूपये प्रति बैग हो गया है |
एनपीके (12:32:16) – यह उर्वरक पहले 23,700 रूपये प्रति मैट्रिक टन था जो बढ़ाकर 29,000 रूपये प्रति मैट्रिक टन हो गया है | 50 किलोग्राम कि बैग में यह उर्वरक पहले 1185 रूपये तथा जो बढ़कर 1450 रूपये प्रति बैग हो गया है |
एनपीके (20:20:0:13) – यह उर्वरक पहले 23000 रूपये प्रति मैट्रिक टन था जो बढ़ाकर 24,400 रूपये प्रति मैट्रिक टन हो गया है | 50 किलोग्राम कि बैग में यह उर्वरक पहले 1150 रूपये तथा जो बढ़कर 1220 रूपये प्रति बैग हो गया है |
पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम है डीएपी का स्टॉक
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 30 सितंबर, 2021 को देश में डाईअमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) का स्टॉक पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम था। इसके चलते किसानों को इन उर्वरकों की उपलब्धता के संकट से जूझना पड़ रहा है। यूरिया और कॉम्पलेक्स उर्वरकों में एनपीके ग्रेड के उर्वरकों का स्टॉक पिछले साल से कम तो है लेकिन इनके स्टॉक में बहुत अधिक गिरावट नहीं है।
डीएपी में 438 रुपये प्रति बैग सब्सिडी देती है सरकार
सरकार चाहती है कि उर्वरक कंपनियां दाम नहीं बढ़ाएं और अपने मुनाफे की बजाय किसानों को उचित कीमत पर उर्वरक उलब्ध कराएं। यह डीएपी के मामले में तो संभव है क्योंकि सरकार ने उस पर 438 रुपये प्रति बैग की अतिरिक्त सब्सिडी देने का फैसला किया है। लेकिन एनपीके 12:32:16 के मामले में यह संभव नहीं हैं।
किसानों को फायदा नहीं
कृषि लागत में निरंतर हो रही बढ़ोतरी से सरकार द्वारा निर्धारित MSP पर भी खरीदारी की जाये तब भी किसान को फायदा नहीं है। मोदी सरकार में जिस तरह से कृषि लागत बढ़ी है गेहूँ, धान, तिलहन, दलहन सभी की MSP मौजूदा MSP से दोगुनी होनी चाहिए। 100 रुपये डीजल, 1440 रुपये प्रति बोरी उर्वरक, मजदूरी, परिवहन और बीज आदि सभी को जोड़ लें तो धान और गेहूँ की MSP कम से कम 4000 रुपये प्रति कुंतल से कम नहीं होनी चाहिए।