रतलाम को नई पहचान दिलाने को तैयार रियावन लहसुन, जल्द मिलेगा जीआई टैग

रतलाम को नई पहचान दिलाने को तैयार रियावन लहसुन, जल्द मिलेगा जीआई टैग

Amit nigam
रतलाम। कृषि के क्षेत्र में मप्र लगातार प्रगति कर रहा है। अभी हाल ही में बालाघाट जिले के किन्नौर चावल को जीआई टैग मिला है। अब रतलाम के रियावन प्रजाति के लहसुन को जीआइ टैग मिलने जा रहा है। इससे रतलाम को एक नई पहचान मिलेगी। खास बात यह है कि लहसुन के मामले में यह उपलब्धि हासिल करने वाला प्रदेश का पहला जिला रतलाम होगा। दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सत्यापन होगा और छह माह के अंदर जीआइ टैग मिल जाएगा।

बंपर उत्पादन के कारण प्रसिद्ध

यह लहसुन अपनी विशिष्ट गुणवत्ता और बंपर उत्पादन के कारण प्रसिद्ध है। इसमें पदों की संख्या पांच-छह होती है। स्वाद तीखा और तेज होता है। अन्य लहसुन की अपेक्षा इसमें तेल की मात्रा भी अधिक होती है। जीआइ टैग मिलने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नया बाजार मिलने लगेगा। प्रदेश सरकार एक जिला उत्पाद के अंतर्गत रतलाम की लहसुन को प्रमोट कर रही है। देश में रियावन सिल्वर लहसुन के नाम से इसकी अच्छी मांग है।

रियावन से दूर दूर तक जाता है बीज

बीस साल से पिपलौदा तहसील के ग्राम रियावन में लहसुन की खेती परंपरागत तरीके से हो रही है। यहां से दूसरे गांवों के किसान बीज ले जाकर उसी तरीके से खेती कर अच्छा उत्पादन ले रहे हैं। बीज विकास का मूल गांव रियावन ही माना जाता है। अलग गुणवत्ता, सफेदी पर्दा, कलियों का आकार और औषधीय गुणों के कारण इसकी अलग पहचान बनी है। भंडारण की क्षमता अधिक होने से इसे अधिक समय तक रखा जा सकता है।

1500 एकड़ में हो रही खेती

रियावन गांव में 200 हेक्टेयर और बाकी गांवों में 1300 हेक्टेयर में खेती हो रही है। 700 से अधिक किसान उत्पादन ले रहे हैं। किसानों ने रियावन फार्म फ्रेश प्रोड्यूसर कंपनी बनाई है, जिसके माध्यम से बीज, दवाई, मार्गदर्शन, विपणन आदि की गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं और अब जीआइ टैग प्राप्त करने जा रहे हैं।

फैक्ट फाइल

- खेती का रकबा- 1500 हेक्टेयर

- सालाना उत्पादन- 1.50 क्विंटल

- किसानों की खंख्या- 700

- एक हेक्टेयर में उत्पादन- 90 से 100 क्विंटल

- बीज के रुप में भाव-160 रुपये किलो

- सामान्य भाव-80 से 100 रुपये किलो

- खेत में तैयार होने की अवधि-120 से 135 दिन

इनका कहना है

रतलाम के रियावन लहसुन को जीआइ टैग दिलाने की प्रक्रिया में अब सिर्फ अंतिम निरीक्षण शेष है। इसके बाद जीआइ टैग मिल जाएगा और किसानों को अधिक लाभ मिलेगा। जिले में रियावन लहसुन की खेती का रकबा लगातार बढ़ रहा है। इसकी गुणवत्ता, उत्पादन और स्वाद में बीस सालों से स्थिरता है और औषधीय गुण उसी तरह बरकरार है, इसलिए यह लहसुन प्रसिद्ध है। प्रदेश का पहला जिला रतलाम होगा, जिसके लहसुन को जीआइ टैग मिलेगा।

पीएस कनेल, उपसंचालक उद्यानिकी विभाग रतलाम।