कैसे लें सोयाबीन में अच्छा उत्पादन, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया

कैसे लें सोयाबीन में अच्छा उत्पादन, कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया

टीकमगढ़, कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. बी.एस. किरार साथ ही केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आर. के. प्रजापति, डॉ. एस.के. सिंह, डॉ.एस.के. जाटव, डॉ.आई.डी. सिंह एवं जयपाल छिगारहा द्वारा किसानों के खेतों पर भ्रमण कर सोयाबीन  फसल के विपुल उत्पादन हेतु तकनीकी सलाह दी गई सोयाबीन फसल के कम उत्पादन के कई कारण हैं जेसे कि खरपतवार, कीट एवं बीमारियों आदि का समय पर उचित प्रबंधन ना करने पर फसल का उत्पादन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है खरीफ फसलों में नीदा  (खरपतवार) सबसे महत्वपूर्ण समस्या है जिसका समय पर उचित प्रबंधन हेतु निराई गुड़ाई करना या नीदानाशक दवा प्रयोग कर 15 से 25 दिन के अंन्दर फसल को नींदा रहित कर देना आवश्यक हैI

शाकनाशी (नींदानाशक) दवा खड़ी फसल में बुवाई के 15 से 20 दिन बाद इमेजाथापर 400 मि.ली.या क्यूजालोफाँप पी. ईथाइल 400 मि.ली.या फिनोक्फाँप पी. ईथाइल 400 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी का घोल बनाकर बनाकर स्प्रेयर पंप फ्लैट फैन नोजल के माध्यम से छिड़काव करें I प्रमुख कीटनाशक चक्र भ्रग (गर्डर बीटल) की अर्द्ध कुंडलित / तम्बाकू की इल्ली आदि के नियंत्रण हेतु ट्रइजोफाँस 40 ई.सी. या प्रोफेनोफॉस 50 ई.सी. का 350 से 400 मिली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें I सोयाबीन का पीला पत्ती रोग की रोकथाम बीज की बुवाई से पूर्व थायोमिथाक्जाम 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार कर और खड़ी फसल में इस रोग की रोकथाम हेतु मिथाइल डीमोटान या डाईमेथोइड दवा 200 मि.ली. या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस.एल. प्रतिशत दवा 200 मिली. प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें I