किसानों के लिए खजाना खोलेगी 'शिव' सरकार
arvind mishra
भोपाल, शिवराज सरकार 22 फरवरी से प्रारंभ हुए विधानसभा के बजट सत्र में दो मार्च को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश करेगी। इसमें कृषि बजट का उल्लेख अलग से किया जाएगा। इसके 32 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा रहने का अनुमान है। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई कदम उठाने जा रही है, उनकी घोषणाएं बजट सत्र में ही की जाएगी। मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बजट रखा जाएगा। वहीं, सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी बढ़ी राशि प्रस्तावित करने की तैयारी है। प्रदेश में कृषि बजट का उल्लेख अलग से करने की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही की थी। इस बार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत कृषि क्षेत्र पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है।
गांव-किसान पर फोकस
प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय शक्ति बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार किए जा रहे हैं। एक जिला-एक उत्पाद योजना इसी रणनीति का हिस्सा है। कस्टम हायरिंग सेंटर का विस्तार, कृषि उपज मंडियों की आय बढ़ाने के कदम, किसानों की आय बढ़ाने के लिए ई-मंडियां, भंडारण क्षमता में वृद्धि, सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप और सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी देने के प्रस्ताव बजट में शामिल किए गए हैं।
योजनाओं का बढ़ेगा दायरा
राजस्व विभाग भूमि प्रबंधन से जुड़ी प्रक्रियाओं में सुधार की गति को और तेज करने जा रहा है। इसके लिए बजट में प्रावधान किया जाएगा। इस बार नई योजनाओं की घोषणा से ज्यादा जोर मौजूदा योजनाओं का दायरा बढ़ाने पर रहेगा। किसानों को बिजली की सब्सिडी का भुगतान उनके खाते में करने संबंधी योजना की घोषणा हो सकती है।
इन विभागों के आएंगे अच्छे दिन
कृषि बजट (कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछुआ कल्याण, राजस्व, ऊर्जा, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, सहकारिता विभाग) 32 हजार करोड़ से ज्यादा होगा। 2018-19 में कृषि बजट 37,499 करोड़ था, जो 2019-20 में बढ़कर 46,550 करोड़ हो गया था। हालांकि, पुनरीक्षित अनुमान घटकर 37,953 करोड़ रह गया था। वर्ष 2020-21 के बजट में 26,264 करोड़ का प्रावधान किया था, जो अनुपूरक की राशि को मिलाकर 31 हजार करोड़ रुपए को पार कर चुका है।