दतिया में लाखों खर्च फिर भी गौमाता बेघर
गृह मंत्री के जिले में 21 गौशालाएं बनने के बाद भी नहीं मिला आसरा
विनोद पांडेय
दतिया, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा के गृह जिला दतिया में 21 गौशालाओं का निर्माण किया गया है, जिनमें तीन गौशालाएं शहरी क्षेत्र में बनाई गई हैं। इसके अलावा 4 निजी गौशालाओं का संचालन कई ट्रस्ट मिलकर कर रहे हैं। शहर में कई गौ-भक्त भी हैं। इसके बावजूद जिम्मेदार नपा इन बेसहारा गायों को सड़क पर घूमने दे रही है। इन गायों से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। ट्राफिक जाम जैसी स्थिति बनती है।
इसी तरह हाईवे 75 पर भी बड़ी मात्रा में गायों के समूह विचरण करते नजर आते हैं, जिनके कारण दुर्घटनाएं होती है। सरकार का लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी संबंधित विभाग से इन गायों को गौशाला पहुंचाने तक का काम नहीं कर पा रहा है। इसमें इन पशु पालकों के खिलाफ कोई चालानी कार्रवाई भी नहीं की जाती है। कई दुर्घटनाओं में गायों की मौत हो जाती है, फिर भी गौ-भक्त मौन हैं। इस तरह गौवंश को लेकर सभी तरफ अव्यवस्थाएं फैली है। शहर में बेसहारा गयों के घूमने का मामला भी बहुत ही अजीब है। पशुपालन विभाग के अनुसार कुल 15,000 पशु शहरी क्षेत्र में हैं। इनमें से 3000 पशु सड़कों पर प्रतिदिन घूमते हैं। दतिया जनपद व नगर पालिका के सर्वे के अनुसार इन पशुओं का कोई मालिक नहीं है।
एक गौशाला को 60 हजार महीना
जिले की सरकारी गौशालाओं को खर्च के लिए प्रत्येक गाय के हिसाब से 20 रुपए प्रतिदिन दिया जाता है। इस तरह 60 हजार रुपए हर महीना एक गौशाला के लिए दिया जा रहा है। यही बजट निजी ट्रस्ट द्वारा संचालित गौशालाओं में भी लागू है। इसके बावजूद लगभग 3000 पशु शहर की सड़कों व नेशनल हाईवे पर घूमते नजर आते हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।
नगर पालिका क्षेत्र से बेहतर गांव
दतिया जनपद क्षेत्र में 15 गौशाला हैं और 45 की नई गौशालाओं की मंजूरी मिल गई है। प्रत्येक गौशाला में सौ गाय रखने की क्षमता है। इसी तरह लगभग 1500 पशु ग्रामीण क्षेत्रों में गौशाला में रखे जा रहे हैं। वहीं नगर पालिका क्षेत्र में कोई सरकारी गौशाला नहीं है। चार निजी गौशाला हैं, जहां नगर पालिका के कर्मचारी इन पशुओं को छोड़ देते हैं और कुछ समय बाद यही गौशाला वाले उन्हें वापस सड़कों पर छोड़ देते हैं। सरकारी तौर पर इन गौशालाओं को भारी मात्रा में राशि आवंटित प्रतिवर्ष की जाती है।
इनका कहना है
सरकारी तौर पर हमारे पास कोई गौशाला नहीं है। वहीं 4 गौशालाएं ट्रस्ट संचालित करते हैं। उन्हें सरकारी मदद भी मिलती है, पर वह भी बेसहारा पशुओं को रखने में सहयोग नहीं करते हैं। इस कारण शहर में आवारा पशु घूमते दिखाई देते हैं।
एके दुबे, सीएमओ नपा, दतिया
दतिया जनपद में 15 गौशाला में वर्तमान में कार्य कर रही है। जहां पर लगभग 1500 पशु हमने रख रखे हैं। 45 गौशालाओं की और स्वीकृति मिल गई है। इन गौशालाओं के निर्माण के बाद ही समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में शहर की अपेक्षा तुलनात्मक रूप से बेहतर व्यवस्था है।
गिरीराज दुबे, सीईओ जनपद, दतिया