संगोष्ठी में इफ्को नैनो यूरिया के उपयोग और फायदे की दी जानकारी
khemraj morya
शिवपुरी। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (इफ्को) द्वारा कोलारस के ग्राम अटरूनी में 25 फरवरी को इफ्को नैनो यूरिया उपयोग संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में उप संचालक कृषि यू.एस.तोमर, विशेष अतिथि के रूप मे इफ्को भोपाल के संयुक्त महाप्रबंधक बहादुर राम, सहायक संचालक उधानिकी एस.एस.कुशवाह, मुख्य प्रबन्धक इफ्को सेवाएं) डॉ.डी.के.सोलंकी एवं मुख्य प्रबन्धक इफ्को ग्वालियर आर.के.एस.राठौर उपस्थित रहे।
क्षेत्रीय अधिकारी इफ्को शिवपुरी रुपेन्द्र कुमार महोलिया ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि इफ्को किसानों की विश्व की नम्बर एक सहकारी संस्था है जो पिछले 55 वर्षो से किसानों की सेवा में तत्पर है। संयुक्त महाप्रबंधक इफ्को भोपाल बहादुर राम ने किसानों को नैनो यूरिया के उपयोग एवं महत्व के बारे में विस्तार से बताया कि इफ्को नैनो यूरिया, सामान्य यूरिया का विकल्प है एवं सामान्य यूरिया से 10 प्रतिशत सस्ता भी है। इफ्को नैनो यूरिया की एक बोतल की कीमत मात्र 240 रुपये है, साथ ही बताया कि एक 500 मि.ली. की एक बोतल एक एकड़ के लिए पर्याप्त है। नैनो यूरिया का उपयोग करने से परिवहन लागत में भी कमी आयेगी तथा कालाबाजारी से भी किसान बच सकेगा।
उप संचालक कृषि यू.एस.तोमर ने नैनो यूरिया का लाभ बताते हुए किसानों को इफ्को नैनो यूरिया का उपयोग अधिक से अधिक करने की सलाह दी। इससे किसान कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकता है। साथ ही बताया कि अधिक से अधिक जैविक उत्पादों का उपयोग कर खेती करें जिससे किसान मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाए रखते हुए अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्य प्रबंधक इफ्को (कृषि सेवाएं) डॉ.डी.के.सोलंकी ने किसानों को जल विलेय उर्वरकों के बारे में विस्तार से बताया कि यह सामान्य उर्वरकों से अधिक दक्षता वाले उर्वरक हैं एवं इनका उपयोग पर्णीय छिड़काव कर तथा ड्रीप के माध्यम से कर सकते हैं। सागारिका एक समुद्री शेवालो से बनाया गया उत्पाद है जिसमें सभी प्रकार के तत्व उपलब्ध होने के साथ-साथ सभी प्रकार के लवण, विटामिन, एमिनो एसिड एवं हार्मोंस उपलब्ध हैं। यह पोधे की बढ़वार व उत्पादन को बढ़ाने में सहायक है।
कार्यक्रम में उपस्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह ने किस्मों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अच्छी किस्मों का उपयोग करना चाहिए। क्षेत्रीय अधिकारी इफ्को शिवपुरी ने संगोष्ठी के प्रारम्भ में सभी किसानों एवं अतिथियों का स्वागत करते हुए इफ्को के सम्बन्ध मे विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों को बताया कि इफ्को के खाद को खरीदने पर किसानों का बीमा हो जाता है, जिसे संकट हरण बीमा योजना के नाम से जाना जाता है। इसमे एक बोर पर 4000 रुपये का बीमा होता जिसकी अधिकतम सीमा 25 बोरे या 1 लाख रुपये है। जिस किसान के नाम से इफ्को का खाद खरीदा जाता है उसका बीमा एक साल के लिए हो जाता है। इसमे किसान की मृत्यु पर प्रति बोरा 4000 रुपये एवं 50 प्रतिशत नुकसान पर 2 हजार रुपये प्रति बोरा एवं 25 प्रतिशत के नुकसान पर 1 हजार रुपये प्रति बोरा बीमा नामित व्यक्ति को दिया जाता है। ग्राम अटरुनी के सरपंच पूरन सिंह रघुवंशी ने सभी का आभार व्यक्त किया।