लंपी स्किन बीमारी को लेकर प्रशासन सतर्क अभी तक प्रदेश में 1 लाख से अधिक पशुओं का हुआ वैक्सीनेशन
भोपाल, इस साल पशुपालन पर लंपी स्किन डिजीज की बड़ी मार पड़ी है। राजस्थान से शुरू हुआ यह संक्रामक रोग देश के कई हिस्सों में फैल चुका है। बताया जा रहा है कि देश में करीब 60 हजार गायों की मौत हो चुकी है। इससे प्रभावित राजस्थान, हरियाणा और पंजाब सहित कई राज्य दावा कर रहे हैं कि वो लंपी रोकने के लिए वैक्सीन खरीद रहे हैं लेकिन सच्चाई तो यह है कि इन दावों के बीच गायों की मौत हो रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि अब तक उसने 1 लाख 2 हजार से अधिक गौ-वंश का टीकाकरण करवा दिया है।
मध्य प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी संचालक डॉ.आरके मेहिया ने बताया कि शासन और प्रशासन की लगातार सतर्कता और ग्रामीणों को समझाने से लंपी के मामले नियंत्रण में हैं। संतोष की बात है कि केस बढ़े नहीं हैं बल्कि कुछ हद तक घटे हैं। उन्होंने बताया कि लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पशुपालन विभाग के डिवीजनल और जिला स्तरीय अधिकारियों और लैब प्रभारियों को विषय-विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन दिया जा रहा है। स्थिति की लगातार समीक्षा कर गौ-वंश में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कोशिश जारी है।
लंपी स्किन रोग के लक्षण क्या हैं?
लंपी रोग से पीड़ित होने वालने पशुओं को शुरू में बुखार आता है। वे चारा खाना बंद कर देते हैं। इसके बाद चमड़ी पर गांठें दिखाई देने लगती हैं। पशु थका हुआ और सुस्त दिखाई देता है। नाक से पानी बहना एवं लंगड़ा कर चलता है। यह लक्षण दिखाई देने पर पशुपालक तुरंत अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय या पशु औषधालय से संपर्क कर बीमार पशुओं का उपचार कराएं। पशु सामान्य तौर पर 10 से 12 दिन में स्वस्थ हो जाता है।