सरकारी अनुदान पर करें पाम आयल की खेती, सरसो से तीन गुना ज्यादा उत्पादन, जानिए पूरी प्रक्रिया

सरकारी अनुदान पर करें पाम आयल की खेती, सरसो से तीन गुना ज्यादा उत्पादन, जानिए पूरी प्रक्रिया

भोपाल, पाम ऑयल की भारत में चर्चा तेज हो चुकी है। सरकार किसानों से कह रही है कि पाम ऑयल की खेती करें ताकि उन्हें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा मिले। यहां तक कि सरकार पाम ऑयल की खेती के लिए सब्सिडी दे रही है।  सरकार पौधे से लेकर फसल के बिकने तक, कई तरह की सब्सिडी किसानों को दे रही है।  ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि पाम ऑयल क्या है? इसकी खेती कैसे कर सकते हैं और कैसे ये तेल दूसरे तेलों के मुकाबले बेहतर है। 

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क्या है पाम ऑयल?
सरसों और सूरजमुखी की तरह ही पाम ऑयल एक वनस्पति यानी खाना बनाने में काम आने वाला तेल है।  यहां तक कि कई उद्योगों में भी पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है।  नहाने वाले साबुन में भी पाम ऑयल मिलाया जाता है।  पाम का तेल ताड़ के पेड़ के बीजों से निकाला जाता है।  इस समय खाना बनाने वाले तेल के रूप में पाम ऑयल का इस्तेमाल बढ़ रहा है क्योंकि इसमें कोई महक नहीं होती।  हर तरह का खाना बनाने में पाम ऑयल इस्तेमाल कर सकते हैं। फिलहाल दुनियाभर में 9 करोड़ टन के आसपास पाम ऑयल तेल पैदा होता है। 

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देश को खाद्य तेल में आत्म निर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार लगतार प्रयास कर रही है । खरीफ मौसम में दलहन तथा तिलहन की पैदावार बढ़ाने के लिए वर्ष 2021–22 में 13. 51 लाख के उच्च उत्पादन वाले बीज किट का वितरण किया गया है । यह सभी किट देश के अलग–अलग राज्यों के चयनित जिलों के किसानों को नि:शुल्क दिए गए हैं । देश में मौजूदा समय में सभी खाद्य तेलों का उत्पादन 36.56 मिलियन टन का है । तिलहन के दुसरे क्षेत्रों में भी भारत सरकार प्रयास कर रही है । विदेशों से आने वाले खाद्य तेलों में सबसे बड़ा हिस्सा पाम आयल का है ।

इसके अलावा जो किसान या नर्सरी पाम ऑयल के पेड़ों के लिए बीज से नर्सरी तैयार करेगा उसे भी सहायता राशि दी जाएगी । यह सहायता राशि 15 हेक्टेयर के लिए 80 लाख रुपये है । जबकि पूर्वोत्तर तथा अंडमान क्षेत्रों में लिए 15 हेक्टेयर में नर्सरी तैयार करने के लिए 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे । इसके अलावा बीजों के बाग़ के लिए शेष भारत के लिए 40 लाख रुपये एवं अंडमान और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 50 लाख रूपये की राशि निर्धारित किया गया है ।

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2025-26 तक पाम ऑयल के प्रोडक्शन को तीन गुना करने का लक्ष्य
केंद्र सरकार ने नेशनल मिशन-एडिबल ऑयल शुरू किया है, जिसका मकसद है 2025-26 तक पाम ऑयल के प्रोडक्शन को तीन गुना करना है।  फिलहाल हम साउथ ईस्ट एशिया से पाम ऑयल का निर्यात करते हैं। 

राष्ट्रीय खाद्य तेल पाम ऑयल मिशन (एनएमईओ-ओपी) योजना के तहत अगले 4 वर्षों में 11,040 रुपया खर्च किये जाने का लक्ष्य रखा गया है । इसके तहत केंद्र सरकार 8,844 करोड़ रुपये का वहन करेगी, वहीँ 2,196 करोड़ रुपया राज्यों को वहन करना होगा ।

पाम ऑयल का रकबा कितना बढ़ेगा ?
केंद्र सरकार ने अगले 4 वर्षों में आज के तुलना में लगभग 40 प्रतिशत खेती का रकबा बढ़ाने का लक्ष्य रखा है । मौजूदा समय में पाम ऑयल का रकबा 6.5 लाख हेक्टेयर हैं जिसे वर्ष 2025– 26 तक बढ़कर 10 लाख हेक्टेयर करने का है । उत्पादन के क्षेत्र में कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) की पैदावार 2025–26 तक 11.20 लाख टन तथा अगले 4 चार वर्ष 2029–30 तक 28 लाख टन तक पहुँच जाएगी ।

पाम ऑयल की खेती करने वाले किसानों को दिया जायेगा 29 हजार रुपये का अनुदान
मिशन पाम ऑयल के लिए ताड़ के पेड़ों की बुवाई करने के लिए सरकार ने इस योजना के तहत सहायता राशि को बढ़ा दिया है । जहाँ पहले किसानों को प्रति हेक्टेयर 12 हजार रूपये दिये जाते थे अब उसे बढाकर 29 हजार रुपये कर दिया गया है । इसके साथ ही पुराने पेड़ों की देखभाल तथा जीणोद्धार करने के लिए 250 रुपये प्रति पेड़ दिया जाएगा ।

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पाम बीज के मूल्य में की जाएगी बढ़ोतरी
ऑयल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने उत्पादित पाम बीज पर खरीदी मूल्य को बढ़ाने का फैसला लिया है। उद्योग सीपीओ कीमत का 14.3 प्रतिशत का भुगतान करेंगे, जो 15.3 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। पूर्वोत्तर और अंडमान में इस संबंध में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार सीपीओ की 2 प्रतिशत लागत अतिरिक्त रूप से वहन करेगी ।

उत्पादन में नंबर वन है इंडोनेशिया?
पाम तेल उत्पादन में इंडोनीशिया दुनिया में नंबर एक पर है और दूसरे नंबर पर मलेशिया का नंबर आता है। कुछ अफ्रीकी देशों में भी इसका उत्पादन होता है। खाने वाले तेलों के मामले में भारत के आयात का दो तिहाई हिस्सा केवल पाम ऑयल का है। भारत सालाना करीब 90 लाख टन पाम ऑयल का आयात करता है। सरकार चाहती है कि भारत के किसान पाम ऑयल की खेती करें ताकि खाने के तेल का आयत न करना पड़े। 

सरसों के मुकाबले तीन गुना उत्पादन
भारत में अधिकतर लोग सरसों का तेल खाते हैं। एक हेक्टेयर में जितना सरसों का तेल पैदा होता है, उतनी ही जगह में तीन गुना पाम ऑयल मिल सकता है। कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर ने बुधवार को कैबिनेट मीटिंग में बताया कि देश में 9 लाख हेक्टेयर जमीन ऐसी है, जहां पाम ऑयल की खेती की जा सकती है। सरकारी जल्द ही ऐसी जगहों को चिह्नित करते पाम ऑयल की खेती शुरू करेगी। इसके लिए ICAR ने रिपोर्ट बनाई थी, जिस रिपोर्ट के आधार पर ये सारा काम किया जा है।  अब बस किसानों को प्रमोट किया जाएगा ताकि खेती शुरू की जा सके।