एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत लाभ लेने हेतु एआईएफ पोर्टल पर आवेदन करें: नरेंद्र सिंह तोमर
नई दिल्ली, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्रों की 28 वीं आंचलिक कार्यशाला का शुभारंभ माननीय कृषि मंत्री भारत सरकार नरेंद्र सिंह तोमर ने ऑनलाइन किया। इस अवसर माननीय कृषि मंत्री द्वारा मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की एवं आह्वान किया कि भारत सरकार द्वारा एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत भारत सरकार द्वारा राशि का प्रावधान किया है। इसका लाभ लेने के लिए एआईएफ पोर्टल पर वेयरहाउस, कोल्ड स्टोरेज, कोल्ड चैन एवं राइपनिंग चैंबर आदि के लिए आवेदन करने में कृषक एवं कृषक संस्थाओं को प्रेरित करें इस कार्यक्रम की मंत्रालय में साप्ताहिक समीक्षा की जा रही है। साथ ही उनके द्वारा एफपीओ के माध्यम से छोटे सीमांत कृषकों को पैकेजिंग ग्रेडिंग एवं ब्रांडेड उत्पादों हेतु कृषक उत्पादक संगठनों से जोड़कर आगे बढ़ाने हेतु विभागों के साथ मिलकर कार्य करें ।
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एफपीओ की निगरानी के लिए कलेक्टर महोदय की अध्यक्षता में निगरानी समिति का गठन किया गया है । कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक विस्तार डॉक्टर ए के सिंह, राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसके राव, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय कुलपति प्रो पी के विसेन, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एस के पाटिल, दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के संगठन मंत्री अभय महाजन, वनखेडी़ केव्हीके के अनिल अग्रवाल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी के डायरेक्टर डा एस आर के सिंह, पशुपालन एवं कृषि तथा जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ विश्वविद्यालयों के संचालक विस्तार सेवायें, मप तथा छत्तीसगढ़ कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुखों एवं कृषि विज्ञान केंद्र के बरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डा बी एस गुप्ता, वैज्ञानिक डा व्ही के जैन, इंदर सिंह मिर्धा ने भाग लिया कार्यशाला 28 जुलाई तक चलेगी सभी अतिथियों द्वारा इस अवसर पर द्वितीयक कृषि, भूमि सुपोषण, मार्केटिंग, ब्रांडिंग जल संरक्षण तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने का आह्वान किया । साथ ही साथ इस कार्यशाला में राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के संचालक विस्तार सेवाएं डॉ एसएन उपाध्याय द्वारा राजमाता विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्रों की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । इस कार्यशाला में पिछले वर्ष के कार्यो की समीक्षा एवं आगामी कार्ययोजना पर चर्चा की जाएगी।