अब चमकविहीन दागी गेहूं भी खरीदेगी मप्र की समितियां
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भोपाल। मप्र में पहले समितियों द्वारा किसानों का दागी गेहूं खरीदने से इंकार किया जा रहा था। जिन समितियों ने दागी गेहूं खरीदा था उसे भारतीय खाद्य निगम ने वापस कर दिया था। इससे किसानों में आक्रोश था और किसान संगठनों ने राज्य सरकार से चमकविहीन मामूली दागी गेहूं को भी खरीदने की मांग की थी। इसी कड़ी में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्जनिक वितरण मंत्रालय, नई दिल्ली के संयुक्त आयुक्त (एस एंड आर ) द्वारा सोमवार को जारी आदेश में केंद्रीय पूल खरीद के लिए गेहूं की विशिष्टताओं में छूट दी गई है।
प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी विपणन सीजन 2024 -25 के लिए सरकार द्वारा खरीदे जा रहे गेहूं की समान विशिष्टताओं में जारी आदेश के अनुसार चमक हानि में छूट के साथ किसानों से गेहूं की खरीद करने का निर्णय लिया गया है। जारी आदेश के उल्लेख किया गया है कि पूरे मध्यप्रदेश में 30 त्न तक प्रभावित दानों वाला चमक विहीन गेहूं किसानों से बिना किसी मूल्य कटौती के खरीदा जाएगा। खरीदे गए गेहूं को ढेर में रखा जाएगा और उसका हिसाब अलग से लगाया जाएगा। भंडारण के दौरान शिथिल मापदंडों के तहत खरीदे गए गेहूं स्टॉक की गुणवत्ता में किसी भी तरह की गिरावट की पूरी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश राज्य सरकार की रहेगी। इसके अलावा खरीदे गए गेहूं के स्टॉक को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाएगा। इस छूट के कारण किसी भी वित्तीय या परिचालन प्रभाव की जिम्मेदारी राज्य सरकार की रहेगी। इस निर्णय से अब किसानों को राहत मिल गई है। अब वे अपना चमकहीन गेहूं समितियों में बेच सकेंगे।
उपार्जन केंद्रों पर माल की तुलाई बंद कर दी थी
रबी सीजन 2024 -25 में समिति स्तर और गोदाम स्तर पर भारतीय खाद्य निगम के निर्देश अनुसार गेहूं खरीदी में मापदंड और गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता न करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन निरीक्षण के दौरान उपार्जित स्टॉक के नमूनों का विश्लेषण करने पर इसे मानदंडों के अनुरूप नहीं पाए जाने पर भारतीय खाद्य निगम द्वारा इस स्टॉक के वापस / रिजेक्ट करने पर उसकी समस्त जवाबदेही समिति की बताए जाने पर समिति प्रबंधकों ने उपार्जन केंद्रों पर माल की तुलाई बंद कर दी थी , जिससे किसान परेशान हो रहे थे।