प्रदेश के 52 हजार गांवों में फिर तैनात होंगे ‘कृषक मित्र

प्रदेश के 52 हजार गांवों में फिर तैनात होंगे ‘कृषक मित्र
आवेदन लेने के छह महीने बाद सरकार ने लिया निर्णय
2020 में कमलनाथ ने सभी की सेवा कर दी थी समाप्त
Arvind mishra
भोपाल। डेढ़ दशक बाद मप्र की सत्ता में आई कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने जनवरी 2020 में आठ साल से सेवारत 26 हजार कृषक मित्र और दीदी की सेवा प्रदेशभर से समाप्त कर दी थी। लेकिन मार्च 2020 में जैसे ही सत्ता पलटी और शिव-राज आया वैसे ही सरकार को कृषक मित्रों की याद आई। छह माह पूर्व कृषक मित्रों से लिए गए आवेदनों पर अब आयु सीमा की नई शर्त और नए मानदेय के साथ सरकार ने कृषक मित्रों की भर्ती की मंजूरी दी है। अब एक बार फिर मप्र के 52 हजार गांवों में 26 हजार कृषक मित्रों की तैनाती की जाएगी। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पुराने आवेदकों के आवेदन मान्य होंगे या फिर से उन्हें आवेदन करना पडेÞगा। चूंकि पहले आवेदकों में अधिकांश हटाए गए कृषक मित्र और दीदी ही थीं। गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि केंद्र सरकार की कृषि विस्तार योजना के तहत प्रदेश में कृषक मित्र चयन के लिए न्यूनतम आयु सीमा अब 40 की जगह 25 वर्ष होगी। इसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं।
2012 में हुई थी भर्ती
कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के 26 हजार लोगों को बड़ा झटका देते हुए उनकी सेवाएं ही समाप्त कर दीं, जिससे उनके सामने दो जून की रोटी का बड़ा सकंट खड़ा हो गया था। इन सभी को आठ साल पहले शिवराज सरकार के दौरान मानदेय पर रखा गया था। इनकी नियुक्ति वर्ष 2012 में हुई थी। 
इनका क्या होगा
इधर, नौकरी के लिए निर्धारित आयु पार कर चुके कृषक मित्र और दीदी किसी काम के नहीं रह गए। उन्हें यह उम्मीद थी की शिवराज सरकार इनके काम को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया में इन्हें प्राथमिकाता देगी। लेकिन अब इनके साथ ही अप्रशिक्षित कृषक मित्रों और दीदी की भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। जबकि इन्हें पिछले सात साल में कृषि विभाग ने इतना दक्ष कर दिया कि इन्हें किसी प्रशिक्षण की जरूरत ही नहीं। नए जो भर्ती होंगे वो किसानों के बीच क्या काम करेंगे।  
फरवरी में लिए थे आवेदन
सबमिशन आॅन एग्रीकल्चर एक्स्टेशन आत्मा अन्तर्गत किसान मित्र के चयन के लिए आवेदन पत्र 15 फरवरी 2021 तक आमंत्रित किए गए थे। इसमें वो किसान जिनका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है और शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास रखी गई थी। कृषक मित्र के लिए शैक्षणिक योग्यता हाईस्कूल पास, दो ग्रामों में से किसी एक ग्राम का निवासी होना अनिवार्य है। चयनित कृषक मित्र से भविष्य में शासकीय सेवक का दावा नहीं करने का स्व-प्रमाणित घोषणा पत्र लिया जाएगा।  
वेतन 12 हजार रुपए सालाना
कृषक मित्रों को सलाना 12 हजार रुपए देना तय किया गया है। यानि की प्रति माह एक हजार रुपए की राशि दी जाएगी। इस महंगाई में इतने कम वेतन में तो सरकार का काम करने में ही खर्च हो जाएगा। शुरू में 2000 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जा रही थी। वर्ष 2019 से साल में 12000 रुपया प्रोत्ससाहन राशि मिल रही है। वहीं सत्ता वापसी के दौरान ही कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया था कृषक मित्रों का सम्मानजनक मानदेय लागू किया जाएगा।
कार्यकाल 2 वर्ष तक रहेगा
ग्रामीण स्तर पर किसानों एवं प्रसार तंत्र के बीच जीवंत संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से दो आबाद ग्रामों पर एक कृषक मित्र का चयन किया जाएगा। राज्य शासन के निर्देश अनुसार कृषकों को नए कृषक मित्र के रूप में दो वर्ष के लिए चयनित किया जाएगा। कृषक मित्र के माध्यम से अधिक से अधिक कृषकों को कृषि प्रसार एवं विभागीय योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। 
इनका कहना है
यह कृषक मित्र कृषि के साथ साथ अन्य अनुषांगिक विभागों एवं किसानों के मध्य मजबूत कड़ी का कार्य करेंगे। प्रदेश के 52 हजार गांव में 26 हजार कृषक मित्र बनाए जाएंगे। दो गांव के मध्य एक कृषक मित्र का चयन किया जाएगा। हमने मुख्यमंत्री  के नेतृत्व में विगत सप्ताह कैबिनेट में आत्मा परियोजना अंतर्गत कृषक मित्रों के चयन की न्यूनतम आयु सीमा को 40 वर्ष से घटाकर 25 वर्ष करने का निर्णय लिया है। जिसके आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। इससे अब हमारे स्थानीय युवा साथियों को मौका मिलेगा।
कमल पटेल, कृषि मंत्री, मप्र