देश मे बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन, 2 लाख पंचायतों में बनेगा डेयरी कोऑपरेटिव, गांवों में बढेंगे रोजगार के अवसर

देश मे बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन, 2 लाख पंचायतों में बनेगा डेयरी कोऑपरेटिव, गांवों में बढेंगे रोजगार के अवसर

नई दिल्ली, डेयरी फार्मिंग के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने देश के दो लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव बनाने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा। साथ में ग्रामीण स्तर पर रोजगार में इजाफा होगा। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। 

दुग्ध उत्पादन एक नए मुकाम पर ले जाने की तैयारी 
इस योजना के तहत किसानों को श्वेत क्रांति से जोड़ा जाएगा। जिससे भारत को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में एक नए मुकाम पर ले जाने की तैयारी की जा रही है। इसका जिक्र कुछ वक्त पहले गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं। 

डेयरी और फिशरी सेक्टर को साथ जोड़ा जाएगा
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री  नुराग ठाकुर ने कहा कि कोऑपरेटिव मूवमेंट को मजबूत करने के लिए सक्रियता दिखाई गई।  2 लाख पंचायतों में डेयरी कोऑपरेटिव बनाया जाएगा। डेयरी के साथ-साथ फिशरी सेक्टर को भी इससे जोड़ा जाएगा। इसके अलावा सीएसी सेंटर और कस्टम हायरिंग सेंटर को भी इन  कोऑपरेटिव से जोड़ा जाएगा। अगले 5 साल में ये सब कदम उठाया जाएगा। 

डेयरी सेक्टर होगा और संगठित
बता दें कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसान डेयरी व्यवसाय के माध्यम से अपना जीवनयापन कर रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की काफी अहम भूमिका है। माना जा रहा है डेयरी कोऑपरेटिव आने के बाद यह सेक्टर और संगठित होगा, जिससे किसानों की आय में इजाफा होगा।

कंप्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है
यह योजना सहकारी समितियों के सदस्य किसानों को खरीद एवं विपणन की सुविधाएं मुहैया कराएगी, जिससे उनकी आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होने की भी उम्मीद है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने गत वर्ष जून में पैक्स समितियों को सक्षम बनाने के लिए उनके कंप्यूटरीकरण का प्रस्ताव स्वीकृत किया था। इससे उनके कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही आने की भी उम्मीद जताई गई थी। देशभर में सक्रिय करीब 63,000 पैक्स समितियों के कंप्यूटरीकरण के लिए 2,516 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 1,528 करोड़ रुपये की है।

वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर भी सककार का जोर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम पर भी जोर दे रही है।  इसके तहत सीमांत गांवों में पानी, बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं के विस्तार और आजीविका विकास पर मुख्य रूप से जोर दिया जाएगा।

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