सीहोर के किसानों का प्राकृतिक खेती की तरफ बढा रुझान, ऑनलाइन पंजीयन में सबसे आगे

सीहोर के किसानों का प्राकृतिक खेती की तरफ बढा रुझान, ऑनलाइन पंजीयन में सबसे आगे

सीहोर, जिले के किसानों का प्राकृतिक खेती (natural farming) की तरफ रुझान लगातार बढ रहा है। रासायनिक खेती (chemical farming) छोडकर किसान लगातार प्राकृतिक खेती तरफ बढ रहे हैं। जिले के अब तक करीब दो हजार किसानों ने ऑनलाइन पंजीयन (online registration) कराया है। कृषि विभाग सीहोर की ओर से प्राकृतिक खेती को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कृषि विभाग (Agriculture Department) की मंशा है कि ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती को अपनाएं और शुरुआत में कम से कम अपना एवं परिवार का अनाज वे पूरी तरह प्राकृतिक रूप से ही पैदा करें। इसके बाद वे अपनी पूरी खेती भी प्राकृतिक तरीके से करें।

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सीहोर विकास खंड पंजीयन में सबसे आगे
सीहोर में खासकर सीहोर विकास खंड के तहत आने वाले गांवों के किसानों का फिलहाल प्राकृतिक खेती की तरफ ज्यादा रूझान है। यही कारण है कि इस बार करीब दो हजार किसानों ने इसके लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन पंजीयन भी कराएं हैं। इसमें सबसे ज्यादा लगभग 944 किसान सीहोर तहसील के हैं। इसके अलावा 895 से अधिक किसान अन्य तहसीलों के हैं, जिन्होंने प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन (Register for Natural Farming) कराया है।

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किसानों को दिया जा रहा लाभ  
राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने में लगी हुई है। इसके लिए सरकार की तरफ से किसानों को लाभ भी दिया जा रहा है। दरअसल, प्राकृतिक खेती के लिए सरकार ने एक देशी गाय रखने पर अनुदान (grant for keeping indigenous cow) देने की योजना भी शुरू की है। इसके लिए एक गाय पर सरकार प्रतिमाह किसान को 900 रुपये देगी। हालांकि, योजना का लाभ केवल एक ही गाय पर मिलेगा। यदि किसान एक से ज्यादा गाय रखता है तो उसका खर्चा उसे ही वहन करना पड़ेगा। प्राकृतिक खेती के लिए गाय का गोबर और गौमूत्र बेहद जरूरी है। एक गाय के गोबर और गौमूत्र (cow dung and urine) से किसान 25-30 एकड़ जमीन में प्राकृतिक खेती आराम से कर सकता है। इसके लिए सरकार एक गाय पर प्रतिमाह 900 रुपये देगी।

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इच्छुक किसानों के पंजीयन के लिए पोर्टल तैयार 
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए वृहद कार्यक्रम चलाए जाने का निर्णय लिया गया है। इसी क्रम में प्राकृतिक खेती करने के इच्छुक किसानों के पंजीयन के लिए पोर्टल तैयार किया गया है। किसानों से प्राकृतिक खेती के लिए ऑनलाइन पंजीयन करने के लिए प्रक्रिया अपनाने की अपील की गई है।

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कैसे करें पंजीयन
किसान अपने मोबाइल पर विभागीय वेबसाइट वेबसाइट पर दी गई लिंक पर किसान पंजीयन के लिए क्लिक करें। पंजीयन तीन स्टेप में होगा, जिसमें कृषक की जानकारी, मोबाइल का वेरीफिकेशन एवं अन्य जानकारी फीड कर भरेंगे। प्रक्रिया पूर्ण कर लेने पर कृषक का प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन हो जाएगा।

कृषि विभाग कृषि विभाग चला रहा जागरूकता कार्यक्रम 
उपसंचालक कृषि केके पांडे ने बताया, सीहोर जिले के ज्यादा से ज्यादा किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं। इसके लिए कृषि विभाग जागरूकता कार्यक्रम (awareness program) चला रहा है। प्राकृतिक खेती के लिए किसानों ने भी दिलचस्पी दिखाई है। इस बार बड़ी संख्या में किसानों ने प्राकृतिक खेती के लिए ऑनलाइन एवं आफलाइन पंजीयन भी कराया है। किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है।

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