मुरैना में सरसो 80 और गेहूं की फसल 50 फीसदी चौपट
हकीकत: खड़ी सरसों के दाने तक खेतों में झड़ गए
अवधेश डंडोतिया
मुरैना, जिले में ओलावृष्टि और बारिश ने कई गांवों में फसलों का चौपट कर दिया है। तेज हवा के साथ बरसे ओलों के कारण खेतों में कटने के लिए तैयार खड़ी सरसों की फसल के दाने झड़ गए हैं तो तेज हवा के साथ हुई बारिश ने गेहूं की फसल खेतों में चादर की तरह बिछ गई। मौसम की मार से किसान बेहाल हैं और दफ्तरों में बैठकर अफसर दावा कर रहे हैं कि ओलावृष्टि से नाम मात्र की हुई है। इससे किसानों का कहीं भी नुकसान नहीं हुआ है। जबकि हकीकत यह है कि प्रकृति की मार से सरसों को 70 से 80 फीसद और गेहूं को 50 फीसद तक नुकसान हुआ है। बारिश के साथ जौरा क्षेत्र के गुुर्जा, छिनबरा, डिडोखर, मंजीतपुरा, कलुआपुरा, उत्तमपुरा, सहजपुरा, कोल्हूडाडा, मोहनपुर, खिडोरा, रसोधना, भटियारा, भगोराकलां, बर्रेंड, सिंगरौली, तिंदोखर, चिन्नौनी से लेकर कैलारस व सबलगढ़ के भी कुछ गांवों में 15 से 20 मिनट तक ओलावृष्टि और फिर झमाझम बारिश हुई है। उधर अंबाह-पोरसा क्षेत्र में भी आंधी व बरसात से गेहूं व सरसों की फसल को नुकसान हुआ है।
खेतों में भरा पानी
गुर्जा, छिनबरा, तिंदोखर, मंजीतपुरा, कलुआपुरा, उत्तमपुरा, सहजपुरा, कोल्हूडाडा, मोहनपुर गांव के खेतों में गेहूं की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। जिन खेतों में सरसों पकी खड़ी थी या कटकर खेत में ही जगह-जगह रखी थी उसके दाने ओलों की आर से खेतों में ही झड़ गए। कई गांवों में इतनी अधिक बारिश व ओलावृष्टि हुई है, वहां खेतों में अभी भी एक फीट से ज्यादा गहरा पानी भर गया। जिसमें गेहूं की फसल डूब गई।
इनका कहना है
हमारी सभी एसएडीओ व अन्य क्षेत्रीय अधिकारियों से बात हुई थी, उन्होंने बताया है कि गांवों में हल्के-फुल्के ओले गिरे हैं, जिनसे कोई नुकसान नहीं हुआ है। कुछ गांवों में बारिश हुई है पर उससे भी कहीं फसलों में नुकसान की सूचना नहीं आई।
पीसी पटेल, उप संचालक, कृषि
दर्जनों गांवों में ओले से फसल तबाह हो गई। सरसों की फसल में तो 80 फीसद से ज्यादा व गेहूं में 50 फीसद तक नुकसान है। अगर प्रशासन जल्द ही सर्वे कराकर मुआवजे की कार्रवाई नहीं करेगा तो किसानों के साथ हम एसडीएम ऑफिस का घेराव करेंगे।
भानू प्रताप सिंह सिकरवार,
किसान नेता, जौरा