भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था के साथ किसानों की उपज का एक एक दाना खरीदेंगे: बिसाहूलाल सिंह

भुगतान की पारदर्शी व्यवस्था के साथ किसानों की उपज का एक एक दाना खरीदेंगे: बिसाहूलाल सिंह

भोपाल : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की उपज का एक एक दाना खरीदेगी। इसके लिए शासन द्वारा पंजीयन से लेकर भुगतान तक की पारदर्शी व्यवस्था की गई है। मंत्री बिसाहूलाल सिंह एवं सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने किसानों से समर्थन मूल्य पर रबी विपणन की खरीदी पर मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष गेहूँ का समर्थन मूल्य 2015 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो विगत वर्ष से 40 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। प्रदेश सरकार 28 मार्च से गेहूँ उपार्जन प्रारंभ करने जा रही है। इंदौर एवं उज्जैन संभाग के जिलों में 28 मार्च से 10 मई, 2022 तक एवं नर्मदापुरम, जबलपुर, रीवा, शहडोल, सागर, ग्वालियर, भोपाल एवं चम्बल संभाग के जिलों में 4 अप्रैल से 16 मई तक खरीदी की जायेगी।

4663 उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी की जायेगी

मंत्री श्री सिंह ने बताया कि समर्थन मूल्य पर गेहूँ उपार्जन के लिये विगत वर्ष की तरह इस वर्ष भी 4663 उपार्जन केन्द्रों पर खरीदी की जायेगी। इसके अतिरिक्त सायलो मालिकों द्वारा संचालित उपार्जन केन्द्र पर अलग से खरीदी होगी, जो 4663 केन्द्रों के अतिरिक्त होंगे।

41 प्रतिशत बायोमेट्रिक सत्यापन के द्वारा पंजीयन हुआ
मंत्रीद्वय ने बताया कि वास्तविक कृषकों का ही पंजीयन हो सके, इसके लिये शासन द्वारा पंजीयन करने के लिये आधार नम्बर आधारित बायोमेट्रिेक/ओटीपी सत्यापन के आधार पर पंजीयन की व्यवस्था की गई थी। इसमें कुल पंजीयन का 41 प्रतिशत बायोमेट्रिक सत्यापन के द्वारा पंजीयन किया गया। इसके तहत ऐसे शारीरिक रूप से अक्षम एवं वृद्ध कृषक, जिनके पास आधार नम्बर नहीं था, उन्हें नामिनी के माध्यम से पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। इस सुविधा का लाभ 28 हजार 298 कृषकों द्वारा लिया गया। गेहूँ उपार्जन के लिये 19 लाख 81 हजार किसानों ने पंजीयन कराया, जो विगत वर्ष का 80 प्रतिशत है। इसमें कुल रकबा 42.24 लाख हेक्टेयर है, जो विगत वर्ष से 84 प्रतिशत अधिक है।

किसान की पसंद का होगा उपार्जन केन्द्र 
किसानों को फसल बेचने के लिये एसएमएस की प्रतीक्षा नहीं करना होगी। अब वे स्वयं स्लॉट बुकिंग कर अपनी पसंद के उपार्जन केन्द्र और विक्रय के लिये दिनांक तथा समय का चयन www.mpeuparjan.nic.in पर कर सकेंगे। उपार्जन सोमवार से शुक्रवार तक प्रात: 9 से दोपहर एक बजे तक एवं 2 बजे से 6 बजे तक किया जायेगा। फसल विक्रय के लिये स्लॉट की वैधता 3 कार्य दिवस के लिये होगी। स्लॉट बुकिंग करने के पश्चात कृषक उपार्जन केन्द्र का नाम, विक्रय योग्य मात्रा एवं विक्रय के दिनांक की जानकारी का प्रिंट निकाल सकेंगे।

भुगतान उनके आधार लिंक खाते में करने की व्यवस्था

मंत्री श्री सिह ने बताया कि कृषकों को उसकी उपज का भुगतान उनके आधार लिंक खाते में करने की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी प्रकार की त्रुटि की संभावना को समाप्त किया जा सके।इसके लिए किसान को बैंक शाखा में जाकर खाते को आधार से लिंक कराना होगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि किसान द्वारा एफक्यू मापदण्ड का गेहूँ विक्रय के लिये लाया जाता है, तो उसकी साफ-सफाई की आवश्यकता नहीं होगी। परंतु परीक्षण में गेहूँ नॉन एफक्यू पाया जायेगा, तो उन्हें अपना गेहूँ साफ कराना होगा। विभाग द्वारा उपार्जन केन्द्र पर गेहूँ की सफाई की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है।

उपार्जित उपज के लिए है पर्याप्त भण्डारण क्षमता
मंत्री श्री सिंह ने कहा कि उपार्जित गेहूँ के भण्डारण के लिये 84 लाख मीट्रिक टन के लिये स्थान रिक्त है। आगामी माह में पीडीएस एवं अन्य माध्यम से स्कंध के उठाव से 34 लाख मीट्रिक टन क्षमता रिक्त होगी तथा 58 लाख मीट्रिक टन के नवीन गोदाम निजी क्षेत्र में बनाये जा रहे हैं। साथ ही 4 लाख मीट्रिक टन के सायलो भी बनाये जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 180 लाख मीट्रिक टन क्षमता भण्डार के लिये उपलब्ध है।