गेहूं की कटाई के बाद इन फसलों की खेती करें किसान, होगी बंपर कमाई
भोपाल, भारत एक कृषि प्रधान देश है। 1947 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में कृषि की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत थी, जो 2022-23 में घटकर 15 प्रतिशत रह गई है। नाबार्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में 10.07 करोड़ परिवार खेती पर निर्भर हैं। यह संख्या देश के कुल परिवारों का 48 फीसदी है। भारतीय कृषि की विडंबना है कि किसान अपनी फसलों की सिंचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में गर्मियों के मौसम में भी किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए पानी की समस्या से जूझना पड़ता है।
अप्रैल से जून के बीच कोई खेती नहीं करते
दरअसल, किसान अप्रैल में गेहूं और रवि फसलों की कटाई शुरू करते हैं। कटाई खत्म होते- होते गर्मी अपने चरम पर पहुंच जाती है। लू के चलते खेतों में धूल उड़ने लगती है। वहीं, जलस्तर भी काफी नीचे चला जाता है, जिससे पानी की किल्लत हो जाती है। ऐसे में सिंचाई के अभाव के कारण बहुत से किसान अप्रैल से जून के बीच कोई खेती नहीं करते हैं।
30 से 40 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में भी खेती
कृषि विशेषज्ञों की मानें तो गर्मियों का मौसम जायद की फसलों के लिए प्रतिकूल माना जाता है। ऐसे में किसान मोटे अनाज सांवा,कोदो ,रागी, पटुवा के साथ ही सब्जियों में बैंगन, शिमला मिर्च, तोरई कद्दू ,लौकी, तरबूज, खीरा, खरबूजा की खेती कर सकते हैं। दलहनी फसलों में उड़द, मूंग की खेती में भी पानी की कम जरूरत पड़ती है। किसान इन फसलों की खेती 30 से 40 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में भी कर सकते हैं। इन फसलों की बाजार में मांग भी अधिक होती है
गर्मियों में मिलेट्स के साथ ही सब्जियों की खेती
गर्मियों के मौसम में मिलेट्स के साथ ही सब्जियों की खेती करके किसान कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इन फसलों की सिंचाई के लिए पानी की कम जरूरत पड़ती है और गर्मियों का मौसम इन फसलों के लिए अच्छा माना जाता है। किसान सब्जियों में टमाटर, करेला की खेती भी कर सकते हैं। इसमें भी सिंचाई के लिए कम पानी की जरूरत पड़ेगी और बाजार में इन सब्जियों की मांग भी अधिक रहती है। जिससे वह अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।
किन फसलों की करें खेती
अगर किसान भाई चाहें तो अप्रैल, मई और जून के दौरान सब्जियों की खेती कर सकते हैं। सब्जियां बहुत जल्दी ग्रोथ करती हैं। मानसून आने से पहले ही यह पैदावार देने लगती हैं। यानी कि किसान भाई बरसात के आगम से पहले सब्सियां बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। खास बात यह है कि धान- गेहूं के मुकाबले सब्जियों को बहुत ही कम सिंचाई की जरूरत पड़ती है। ऐसे में पानी की समस्या से भी किसानों को नहीं जूझना पड़ेगा। साथ ही किसान भाई सब्जियों को मार्केट में तुरंत ले जाकर बेच भी सकते हैं। इससे उन्हें अच्छी कमाई होगी। लेकिन, अब बात आती है कि आखिर किसान भाई किन फसलों की खेती करें, जिससे उन्हें ज्यादा मुमाफा हो।
बैंगन: गर्मी के मौसम के लिए बैंगन की खेती करना भी किसानों के लिए बेहतर रहेगा। बैंगन एक ऐसी सब्जी है, जो सर्दी और गर्मी दोनों ही मौसम में बंपर पैदावार देती है। पालक, शिमला मिर्च, लौकी और परवल के मुकाबले इसकी खेती में पानी की बहुत की कम जरूरत होती है। गर्मी के मौसम में बैंगन की खेती करने पर किसानों को ज्यादा मुनाफा होगा।
तरबूज: गर्मी के मौसम में तरबूज लोग बहुत ही चाव से खाते हैं। इसके अंदर पानी की मात्रा अधिक होती है। खास बात यह है कि गर्मी में वाटरमेलन का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। इससे शरीर स्वस्थ रहता है। अगर किसान भाई गेहूं की कटाई करने के बाद तरबूज की खेती करते हैं, तो अच्छी कमाई कर सकते हैं। ऐसे भी तरबूज को सिंचाई की बहुत ही कम जरूरत पड़ती है।
मेंथा: मेंथा एक औषधीय पौधा है। इसका तेल बहुत ही महंगा बिकता है। इसके तेल से कई तरह दी दवाइयां बनाई जाती हैं। इसके ऊपर बारिश के पानी का कोई असर नहीं होता है। यदि बेमौसम बारिश हो भी गई तो फसल बर्बाद नहीं होगी। ऐसे में किसान भाई गेहूं की कटाई करने के बाद मेंथा की खेती कर सकते हैं।
मूंग और उड़द: अगर किसान भाई चाहें तो मूंग और उड़द की भी खेती कर सकते हैं। मूंग और उड़द गर्मी के मौसम में ही उगाई जाने वाली फसल है। अभी मार्केट में मूंग और उड़द का रेट भी अच्छा। खास बात यह है कि मूंग और उड़द को सब्जियों के मुकाबले बहुत ही कम सिंचाई करनी पड़ती है।