वदौआ पंचायत को आत्मनिर्भर बनाना ही अब मेरा लक्ष्य
भोपाल/रीवा, मध्यप्रदेश के रीवा जिले की मनगवां विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत वदौआ के सरपंच प्रमोद कुमार द्विवेदी का लक्ष्य है कि उनकी ग्राम पंचायत वदौआ आत्मनिर्भर बने। गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार के भरपूर अवसर मिलें। साथ ही गौ सरक्षण को बढ़ा दिया जाए। वो चाहते हैं कि अगर राज्य सरकार से मंजूरी मिल तो अपनी पंचायत में एक बड़ी गौशाला का निर्माण भी कराऊंगा। हमारे पंचायत के किसान आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहे हैं। किसान पुत्र हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जितनी भी योजनाएं हैं, उनमें सबसे ऊपर पंचायत और किसान ही हैं। सीएम की दूरदर्शीता का ही नतीजा है कि मप्र को सात बार कृषि कर्मण अवार्ड से नवाजा जा चुका है और सब ठीक-ठाक रहा तो इस साल भी यह सम्मान मप्र के ही खाते में आएगा। जागत गांव हमार के सावलों का सरपंच ने बेबाकी से दिया जवाब। बातचीत के मुख्य अंश
सवाल: आपके कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?
जवाब: मेरी ग्राम पंचायत वदौआ में एक भी सड़क नहीं थी। बारिश के दिनों में लोग अपने ही घरों में कैद हो जाते थे। किसी को अस्पताल ले जाना होता था तो वाहन नहीं आ पाते थे। लेकिन आज मेरी पंचायत की स्थिति बदल चुकी है। मैंने अपने कार्यकाल में सड़कों का जाल बिछा दिया है। अब घर-घर गाडिय़ां आती हैं। स्थानीय लोग भी ये स्वीकारते हैं कि विकास कार्यों से पंचायत की सूरत बदल गई है। पूरे पंचायत में दो दर्जन के करीब पीसीसी रोड बनवाई गई हैं।
सवाल: राजनीति में सरपंच पद का चुनाव ही क्यों चुना?
जवाब: असली भारत गांव में ही बसता है। गांव के विकास से ही प्रदेश और देश आगे बढ़ता है। बचपन से ही अपने गांव की दुर्दशा देखकर मैं कुछ अलग करना चाहता था। इसलिए सरपंच का चुनाव लड़ा और जनता ने मुझ पर भरोसा किया। भारी मतों से विजयी बनाया। राजनीति मैं पैसा और नाम कमाने के लिए नहीं, बल्कि अपने गांव वासियों की सेवा के लिए कर रहा हूं।
सवाल: अब तक कितने हितग्राहियों को पीएम आवास मिले?
जवाब: मेरे कार्यकाल में पचायत में 350 पीएम आवास स्वीकृत हुए हैं। इसमें 16 हितग्राहियों को मिल भी चुके हैं। जो शेष हैं, उन्हें भी पीएम आवास मिल जाएगा। मेरा लक्ष्य है कि वदौआ पंचायत में गरीब के पास पक्का मकान हो। यहां सबसे अधिक 500 हरिजन बस्ती, 300 पिछड़ा वर्ग और 500 सामान्य बस्ती हैं। मैं चाहता हूं कि मेरी पंचायत मप्र के लिए रोल मॉडल बने।
सवाल: कुछ लोग कहते हैं कि पंचायत में भ्रष्टाचार भी खूब हुआ है?
जवाब: मैं किसी के कहने पर नहीं, विकास पर यकीन करता हूं। मैंने जो काम किया है वो जनता के सामने है। रही बात भ्रष्टाचार की तो कहने वाले कुछ भी कहते रहते हैं। अगर मैं भ्रष्टाचार करता तो मेरे द्वारा कराए गए विकास कार्यों की जिले भर में सराहना नहीं होती। तब मुझे मुख्यमंत्री सम्मान नहीं मिलता।
सवाल: वदौआ ग्राम पंचायत में शौचालय की क्या स्थिति है?
जवाब: वदौआ ग्राम पंचायत खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुकी है। रीवा जिले की दूसरी पंचायत है मेरी, जिसे तत्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने खुले में शौच मुक्त घोषित किए थे। आज हर घर पक्के शौचालय बने हैं। लोग अब बाहर नहीं जाते। पहले लोगों को जागरुक करने के लिए मैंने अपनी पंचायत में तीन-चार कैमरा मैन तैनात किए थे। बाहर गंदगी फैलाने पर फोटो खिंचवा लेता था। धीरे-धीरे लोग भी समझ गए और शौच के लिए बाहर जाना बंद कर दिया।
सवाल: घर-घर पीने का पानी पहुंचाने की ग्राम में क्या स्थिति है?
जवाब: मध्यप्रदेश सरकार ने घर-घर पीने का पानी पहुंचाने का जो लक्ष्य तय किया है, उसके तहत मेरी पंचायत में चार पानी की टंकियां स्वीकृत हो चुकी हैं। जिसमें दो बड़ी टंकियां होंगी और दो छोटी। अप्रैल से सभी टंकियों का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। इससे सबसे अधिक हरिजन और पिछड़ा वर्ग की बस्तियां लाभान्वित होंगी। वदौआ ग्राम पंचायत में आज कम से कम 50 हैंडपंप हैं। अधिकांश चालू हालत में हैं। हमारे गांव का जल स्तर काफी अच्छा है। कुल मिलाकर गेहूं-धान प्रधान मेरी पंचायत है।
सवाल: पंचायत में विकास के प्रति प्रशासनिक रवैया कैसा है?
जवाब: पंचायत में प्रशासनिक सहयोग से ही तो विकास होता है। जिला और जनपद पंचायत सीईओ, इंजीनियर, सचिव और जीआरएस का विकास के प्रति काफी अच्छा सहयोग रहता है। जिस तरह से गांव विकास के लिए मैं तत्पर रहता हूं, उसी तरह प्रशासनिक अधिकारी भी विकास कार्यों को लेकर जूझते नजर आते हैं। बीच-बीच में मेरा मार्गदर्शन भी करते हैं।
सवाल: आपकी पंचायत में तालाब और मेड़ बंधान की क्या स्थिति है?
जवाब: हमारी पंचायत में पानी की काई कमी नहीं है। सबसे पहले मैंने बड़े तालब का जीर्णोंद्धार कराया था। जो आज भी लबालब भरा हुआ है। इसी तरह शासन की योजना के तहत छह खेत तालब का निर्माण कराया। उनमें भी भरपूर पानी है। मैंने चार दर्जन के करीब किसानों के खेतों में मेड़ बंधान कराए।