लगने के बाद ऑक्सीजन की जरूरत कम पड़ेगी
नई दिल्ली, भारतीय औषधि महानियंत्रक ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दवा कंपनी जायडस कैडिला के विराफिन इंजेक्शन को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। इसे मध्यम श्रेणी के वयस्क कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है। इंजेक्शन को मंजूरी के बाद जायडस हेल्थकेयर के शेयर के भाव में उछाल आ गया। एनएसई में इसके दाम 3.4 फीसदी बढ़ गए।
10 साल पहले पहले हेपेटाइटिस सी के लिए मिली थी मंजूरी
जायडस के जिस विराफिन इंजेक्शन को मंजूरी मिली है, उसका पूरा नाम पेगिलेटेड इंटरफेराॅन अल्फा-2 बी है। इसे मूल रूप से लीवर के रोग हेपेटाइटिस सी के उपचार के लिए 10 साल पहले मंजूरी मिली थी। अब इसे कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए प्रस्तावित किया गया है।
20-25 सेंटरों पर विराफिन का ट्रायल किया गया
देशभर के 20-25 सेंटरों पर विराफिन का ट्रायल किया गया था। जायडस ने दावा किया कि विराफिन देने के बाद कोविड-19 मरीजों को ऑक्सीजन देने की जरूरत बहुत कम पड़ी। इससे स्पष्ट है कि यह संक्रमित व्यक्ति को सांस होने वाली तकलीफ व सांस उखड़ने की समस्या को नियंत्रित करने में कारगर है। देश में जारी मौजूदा कोरोना लहर में अधिकांश रोगी इन समस्याओं के सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं।
कैसे काम करेगा विराफिन
जायडस के अनुसार विराफिन इंजेक्शन के एक डोज से ही कोरोना रोगियों के इलाज में बहुत मदद मिलेगी। कोविड रोगियों को संक्रमण के बाद ही यदि इसे लगा दिया गया तो उनकी तेजी से रिकवरी हो सकेगी और उन्हें अन्य परेशानियों का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
कोरोना के इलाज में मिलेगी बड़ी राहत
जायडस के इस इंजेक्शन को मंजूरी ऐसे समय मिली है, जब कोरोना पीड़ितों के इलाज में काम आ रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की देश में भारी किल्लत हो गई है। रेमडेसिविर की कालाबाजारी तक हो रही है। ऐसे में विराफिन से बड़ी राहत मिल सकती है। कई अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म होने से अनेक रोगियों की मौत हो चुकी है। आए दिन ऐसी मौतों की खबरें आ रही हैं।